Jayalalitha Assets: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके की प्रमुख जे जयललिता से जब्त की गई संपत्तियों को अब राज्य सरकार को सौंप दिया गया है. इन जब्त संपत्तियों में 27 किलोग्राम सोने के आभूषण शामिल हैं, जिनमें दो स्वर्ण मुकुट और एक सोने की तलवार भी है. ये सभी वस्तुएं कर्नाटक सरकार के खजाने में 21 वर्षों से रखी हुई थीं और अब इन्हें शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया.
21 साल से सरकारी खजाने में पड़ा था जयललिता का खजाना
आपको बता दें कि जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में 481 सोने की वस्तुएं, एक विशिष्ट स्वर्ण आभूषण जो उनके प्रोफाइल जैसा दिखता है, 1,520 एकड़ से अधिक भूमि के दस्तावेज और नकदी भी जब्त की गई थी. तस्वीरों में अधिकारियों को इन वस्तुओं को बैग, ट्रंक और सूटकेस में भरकर ले जाते हुए देखा गया.
आय से अधिक संपत्ति मामला और कानूनी लड़ाई
बता दें कि यह मामला करीब 18 वर्षों तक चला और इसे चेन्नई से बेंगलुरु स्थानांतरित किया गया था. 2014 में बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने जयललिता, उनकी सहयोगी वीके शशिकला, वीएन सुधाकरन और जे इलावरासी को दोषी ठहराया था. हालांकि, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता के उत्तराधिकारियों की याचिका की खारिज
29 जनवरी को सीबीआई की विशेष अदालत ने जयललिता की जब्त संपत्तियों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने का आदेश दिया था. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी भतीजी जे दीपा और भतीजे जे दीपक की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संपत्ति पर अधिकार का दावा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जयललिता की मृत्यु के बाद मामला समाप्त होने का यह अर्थ नहीं है कि उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया है.
क्या इन संपत्तियों की होगी नीलामी?
वहीं सरकारी वकील किरण एस जावली के अनुसार, ''ट्रायल कोर्ट ने आदेश दिया था कि छह कंपनियों की 1,526.16 एकड़ जमीन को भी तमिलनाडु सरकार के नाम कर दिया जाए. साथ ही, 27 किलो सोने के आभूषण भी राज्य सरकार को सौंपे जाएं.'' उन्होंने आगे कहा कि तमिलनाडु सरकार इन संपत्तियों को भारतीय रिजर्व बैंक को भेज सकती है या धन की वसूली के लिए इनकी नीलामी कर सकती है.
जयललिता की संपत्तियों में लग्जरी बस भी जब्त
इसके अलावा, एक अधिकारी के अनुसार, कार्यवाही के तहत चेन्नई में खड़ी एक लग्जरी बस को भी जब्त किया गया है. अब तमिलनाडु सरकार के पास इन संपत्तियों के उपयोग या नीलामी का निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता होगी.