4th Encounter under way in Jammu-Kashmir Doda district: जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले के गांवों में आतंकियों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार शाम को आतंकवादियों ने डोडा जिले के गंदोह इलाके के एक गांव में सर्च पार्टी पर फायरिंग कर दी, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
अधिकारियों के मुताबिक, शाम करीब 7.41 बजे भलेसा के कोटा टॉप इलाके से फायरिंग की सूचना मिली. जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की. इलाके की घेराबंदी को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है. यह पिछले 24 घंटों में डोडा में दूसरी और जम्मू और कश्मीर में तीन दिनों में चौथी आतंकवादी घटना है.
इससे पहले दिन में, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि जिले के ऊपरी इलाकों में तीन से चार आतंकवादियों का एक समूह मौजूद है. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उन्हें ढेर करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था.
मंगलवार रात, भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर चतरागला के ऊपरी इलाकों में एक संयुक्त चेक पोस्ट पर आतंकवादियों के हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) घायल हो गए थे.
डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक श्रीधर पाटिल ने संवाददाताओं को बताया, 'पिछले कुछ दिनों में, हमें आतंकवादी गतिविधियों की खुफिया सूचना मिली थी. इसके बाद, सेना और पुलिस द्वारा संचालित अस्थायी चौकियों को ऊपरी इलाकों में स्थापित किया गया, साथ ही अंतरराज्यीय सड़क पर चेक पॉइंट भी बनाए गए.'
आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी कर रहे पाटिल ने बताया कि डोडा और कठुआ जिलों को जोड़ने वाले चतरागला दर्रे पर तैनात संतरी ने मंगलवार देर रात संदिग्ध गतिविधि देखी और संदिग्ध व्यक्तियों को चुनौती दी.
पाटिल ने कहा, "आतंकवादियों ने गोलियां चला दीं, जिसके बाद डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक मुठभेड़ चली. हमारे जवानों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और हालांकि कुछ घायल हो गए, सभी की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं."
उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर इलाके की अच्छी तरह से तलाशी ली जा रही है और जल्द ही आतंकी दस्ते को निष्क्रिय करने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इस दस्ते में तीन से चार सदस्य शामिल हैं.
अभियान से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करते हुए पाटिल ने बताया कि घने जंगलों से ढके पहाड़ी इलाकों में सावधानीपूर्वक रणनीतिक तरीके से आगे बढ़ना होता है. ऐसे कठिन इलाकों में तलाशी अभियान में समय लगता है और हताहतों से बचने के लिए इसे सतर्कता से अंजाम दिया जाना चाहिए.
चतरागला, गुल्डंडी, सरथल, शंख पाडर और कैलाश पर्वतमाला क्षेत्र में चल रहे सर्च और कॉर्डन ऑपरेशन के कारण अधिकारियों ने व्यस्त भद्रवाह-पठानकोट अंतरराज्यीय राजमार्ग पर यातायात आवागमन को रोक दिया है.