जम्मू में नियंत्रण रेखा के पास विस्फोट में कैप्टन समेत दो जवान शहीद, एक अन्य घायल
यह हमला जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने का संकेत है. पिछले कुछ महीनों में सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ और हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा बलों की चुनौतियों को उजागर किया है.
Jammu IED blast: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में मंगलवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य घायल हुआ है.
इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ सघन खोजी अभियान शुरू कर दिया है.
हमले का तरीका और जवानों की शहादत
सूत्रों के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब सेना के जवान नियंत्रण रेखा पर नियमित गश्त कर रहे थे. आतंकवादियों ने आईईडी का इस्तेमाल करते हुए जवानों को निशाना बनाया. इस विस्फोट में सेना के एक कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य घायल हो गया. घायल जवान को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है. शहीद हुए जवानों का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
सुरक्षा बलों की तैनाती और उच्च स्तरीय समीक्षा
यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब जम्मू स्थित ‘व्हाइट नाइट कॉर्प्स’ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने सोमवार को राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर शत्रुतापूर्ण गतिविधियों का जायजा लिया था. जीओसी ने सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी और शत्रु की ओर से किसी भी संभावित हमले को लेकर सुरक्षा बलों को अलर्ट किया था.
आतंकवादियों की लगातार बढ़ती गतिविधियां
यह हमला जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने का संकेत है. पिछले कुछ महीनों में सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ और हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा बलों की चुनौतियों को उजागर किया है. वहीं, इस हमले के बाद स्थानीय अधिकारियों ने सीमा पर गश्त को और तेज कर दिया है और आतंकवादियों के खिलाफ अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं.
सैन्य बलों के प्रति श्रद्धांजलि और शहादत की क़ीमत
शहीद जवानों के परिवारों को इस दुखद घड़ी में पूरा देश श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. सेना और स्थानीय प्रशासन शहीद जवानों की वीरता को याद करते हुए उनके परिवारों को हर संभव सहायता देने का वादा कर रहे हैं. इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सीमा पर तैनात जवान अपनी जान की बाजी लगा कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
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