Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार सुबह अचानक हुई तेज बारिश ने तबाही मचा दी. जिले के सेरी बगना गांव में बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में दो सगे भाई, आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब शामिल हैं.
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले में कई जगहों पर भूस्खलन और कीचड़ धंसने की घटनाएं हुईं. नाशरी से बनिहाल तक के हिस्से में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग दर्जन भर जगहों पर मलबा गिरने से यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है.
#WATCH | J&K: On Ramban landslide, Baseer-Ul-Haq Chaudhary, Deputy Commissioner, says "Due to incessant rainfall and cloudburst, National Highway was closed at several places. In Ramban, houses and hotels have been damaged. Two houses collapsed due to a landslide in Bagahana… pic.twitter.com/muTTKbur49
— ANI (@ANI) April 20, 2025
40 से अधिक मकानों को नुकसान
धारमकुंड गांव में आई बाढ़ से करीब 40 मकानों को नुकसान पहुंचा. इनमें से 10 घर पूरी तरह से तबाह हो गए, जबकि बाकी को आंशिक क्षति हुई है. तेज बहाव के कारण कई वाहन भी पानी में बह गए.
#WATCH | Ramban, J&K: A local, Sunil Kumar says "I was travelling from Jammu to Srinagar. Since it was raining, I booked a hotel in Ramban. At around 3 AM, this incident took place. When I came out, I saw that two floors of the hotel were inside the debris. Around 15 people were… https://t.co/kTYQta6cJb pic.twitter.com/iXofeFB2MY
— ANI (@ANI) April 20, 2025
100 से अधिक लोगों की बचाई गई जान
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कोशिशों से बाढ़ में फंसे 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. लगातार बारिश और मुश्किल हालात के बावजूद राहत और बचाव दलों ने तेजी से काम किया.
ट्रैफिक विभाग के अनुसार, भूस्खलन, कीचड़ और भारी पत्थरों के गिरने के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है. पंथियाल के पास एक हिस्सा भी तेज बहाव में बह गया. सड़क बंद होने से सैकड़ों यात्री हाईवे पर फंसे रह गए, हालांकि सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
मुख्यमंत्री ने हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई है. जिला प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को राहत देने की प्रक्रिया जारी है.
केंद्र सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन की तेज कार्रवाई की सराहना की. उन्होंने कहा कि उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी और उनकी टीम ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया, जिससे कई जानें बचाई जा सकीं. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. हर संभव मदद दी जा रही है, और ज़रूरत पड़ने पर व्यक्तिगत संसाधनों से भी सहयोग देने के लिए वह तैयार हैं.