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India Daily

Jammu Kashmir: रामबन में भारी बारिश और भूस्खलन से तीन लोगों की मौत, 100 से अधिक लोगों को बचाया गया

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और ओलावृष्टि हुई, जिससे एनएच 44 का एक हिस्सा, कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Jammu Kashmir Three people died due to flood and landslide caused by cloudburst in Ramban
Courtesy: Social Media

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार सुबह अचानक हुई तेज बारिश ने तबाही मचा दी. जिले के सेरी बगना गांव में बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में दो सगे भाई, आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब शामिल हैं.

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले में कई जगहों पर भूस्खलन और कीचड़ धंसने की घटनाएं हुईं. नाशरी से बनिहाल तक के हिस्से में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग दर्जन भर जगहों पर मलबा गिरने से यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है.

40 से अधिक मकानों को नुकसान

धारमकुंड गांव में आई बाढ़ से करीब 40 मकानों को नुकसान पहुंचा. इनमें से 10 घर पूरी तरह से तबाह हो गए, जबकि बाकी को आंशिक क्षति हुई है. तेज बहाव के कारण कई वाहन भी पानी में बह गए.

100 से अधिक लोगों की बचाई गई जान

प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कोशिशों से बाढ़ में फंसे 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. लगातार बारिश और मुश्किल हालात के बावजूद राहत और बचाव दलों ने तेजी से काम किया.

ट्रैफिक विभाग के अनुसार, भूस्खलन, कीचड़ और भारी पत्थरों के गिरने के कारण जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है. पंथियाल के पास एक हिस्सा भी तेज बहाव में बह गया. सड़क बंद होने से सैकड़ों यात्री हाईवे पर फंसे रह गए, हालांकि सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक

मुख्यमंत्री ने हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई है. जिला प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को राहत देने की प्रक्रिया जारी है.

केंद्र सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन की तेज कार्रवाई की सराहना की. उन्होंने कहा कि उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी और उनकी टीम ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया, जिससे कई जानें बचाई जा सकीं. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. हर संभव मदद दी जा रही है, और ज़रूरत पड़ने पर व्यक्तिगत संसाधनों से भी सहयोग देने के लिए वह तैयार हैं.