जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जेल में बंद तीन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने आतंकी मामलों से जुड़े होने के आरोप में जेल में तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.प्रशासन ने तीन सरकारी कर्मचारियों जिसमें पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट, शिक्षक मोहम्मद अशरफ भट और वन विभाग के अर्दली निसार अहमद खान शामिल हैं, बर्खास्त कर दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, फिरदौस अहमद भट को आतंकवादी संगठनों के साथ कॉन्टैक्ट रखने के लिए के लिए बर्खास्त किया गया है. साथ ही यह भी दावा किया गया है कि उन्होंने आतंकी गुटों को संसाधन और मदद उपलब्ध कराई गई है. शिक्षक मोहम्मद अशरफ भट की बात करें तो इन पर छात्रों को कट्टरपंथी विचारधारा अपनाने के लिए उकसाने का आरोप है. वहीं, प्रतिबंधित संगठनों से कॉन्टैक्ट रखने का भी आरोप लगाया गया है. वन विभाग के कर्मचारी निसार अहमद खान पर जंगलों के रास्ते आतंकवादियों की आवाजाही में मदद करने का शक जताया गया है.
इन कर्मचारियों को संविधान के अनुच्छेद 311(2)(C) के तहत बर्खास्त किया गया है. बता दें कि यह अनुच्छेद यह अधिकार देता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार, कर्मचारियों को बिना किसी जांच के हटा सकती है.
जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है उसके बाद से सरकार आतंकवाद से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है. इससे पहले भी कई सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादियों से संबंध रखने के चलते नौकरी से निकाला गया है. प्रशासन का कहना है कि यह कदम जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से आजाद कराना है.