Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में भाजपा के राज्य चुनाव प्रभारी राम माधव ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर बड़ा आरोप लगाया. बुधवार को उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में पूर्व आतंकवादियों का कथित रूप से समर्थन लेने का आरोप लगाया. राम माधव ने श्रीनगर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हम जम्मू -कश्मीर के लोगों को याद दिलाएंगे कि एनसी, पीडीपी और अन्य ने कश्मीर को वापस लेने के लिए घोषणापत्र जारी किए हैं... मैं देख रहा हूं कि पूर्व आतंकवादी एनसी और पीडीपी के लिए खुलेआम प्रचार कर रहे हैं, उन्हें हराना होगाय
एनसी और पीडीपी की ओर से जारी चुनाव घोषणापत्रों में अन्य वादों के अलावा आर्टिकल 370 और राज्य का दर्जा बहाल करने, कश्मीर मुद्दे का समाधान और पाकिस्तान के साथ बातचीत का वादा किया गया है. माधव के आरोपों पर पलटवार करते हुए पीडीपी ने कहा कि वे ‘समावेशी राजनीति’ के पक्ष में है और भाजपा को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ‘कश्मीर में उसके तथाकथित कैडर का अधिकांश हिस्सा आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों से बना है.’ एनसी ने कहा कि माधव की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि भाजपा जम्मू-कश्मीर चुनावों का सामना करने से ‘डरी हुई’ है.
माधव दूसरे चरण के चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने के अवसर पर घाटी आए थे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि शांति और विकास चाहने वाले नए नेतृत्व को उभरना होगा और इसके लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को आगे आना होगा.
माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक नया नेतृत्व उभरेगा, जो शांति चाहते हैं, जो आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं और जो विकास चाहते हैं. कश्मीर में ऐसे नए लोग, नई पार्टियां और नेता उभरेंगे. जम्मू में शांति और विकास का प्रतिनिधि, भाजपा उभरेगी. उन्होंने ये भी दावा किया कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और जम्मू-कश्मीर में पार्टी के नेतृत्व में नई सरकार बनेगी.
सीनियर भाजपा नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने त्रासदी झेली है और इसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक चुनाव है. मुझे यकीन है कि उन परिवारों को बाहर कर दिया जाएगा, जिनकी वजह से जम्मू-कश्मीर के लोगों को पिछले 30-40 सालों में त्रासदी झेलनी पड़ी.
माधव ने ये भी आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर दो परिवारों के कब्जे में था, जिन्हें दरवाजा दिखाने की जरूरत है. उन्होंने एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के परिवारों का जिक्र किया. प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के चुनावी राजनीति में लौटने के फैसले पर माधव ने कहा कि जो भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होगा उसका स्वागत है. उन्होंने इसका श्रेय इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों को पारदर्शी तरीके से दिया.
माधव के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी नेता नईम अख्तर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि राम माधव कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन जहां तक पीडीपी का सवाल है, हम समावेशी राजनीति के पक्षधर हैं. हम उन्हें (पूर्व उग्रवादियों या अलगाववादियों को) अवांछित व्यक्ति नहीं मानते, अगर वे मुख्यधारा में आते हैं और संविधान की शपथ लेते हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पूर्व उग्रवादियों या अलगाववादियों के वापस लौटने के पर्याप्त उदाहरण हैं. अख्तर ने कहा कि सज्जाद लोन उन (अलगाववादियों) का एक बेहतरीन उदाहरण है जो (मुख्यधारा में) वापस आए और उनका स्वागत किया जा रहा है. ये राम माधव का काम नहीं है कि वह पीडीपी को उपदेश दें कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. हम एक स्वतंत्र पार्टी हैं जो सुलह और तनाव कम करने के लिए खड़ी है. उनके (भाजपा) तथाकथित कैडर (कश्मीर में) का अधिकांश हिस्सा आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों से बना है. सज्जाद लोन भाजपा के सहयोगी थे और पिछली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री थे.
अख्तर ने कहा कि माधव ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने पीडीपी के साथ गठबंधन के एजेंडे को अंतिम रूप दिया था, जिसमें पहला बिंदु जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बनाए रखना और कश्मीर के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत और अन्य सभी के साथ बातचीत करना था. अख्तर ने कहा कि माधव इससे भाग नहीं सकते. हम एक ही एजेंडे पर हैं, हम भाजपा की तरह नहीं हैं कि हम सुविधा के हिसाब से शादी कर लें.
एनसी की प्रतिक्रिया बताते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वे (बीजेपी) डरे हुए हैं। शायद वे जम्मू में कुछ समर्थन हासिल करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कश्मीर में कोई भी उनकी दलील को मानने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि हम किसी चीज़ के लिए नहीं लड़ रहे हैं, सिवाय उस चीज़ के जो हमसे छीन ली गई है.