Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्र शासित प्रदेश में निर्दलीय उम्मीदवारों के बहाने, सियासत साध रही है. कश्मीर घाटी में कई निर्दलीय उम्मीदवारों को पार्टी ने बैकअप दिया है. उनका यह भी कहना है कि उनके खिलाफ ही सारे जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार इसलिए उतारे गए हैं, जिससे उनके साथ चुनावी डील हो सके. इन निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट देने का मतलब, बीजेपी को वोट देना है. उन्होंने कहा भी है कि बीजेपी और इन निर्दलीय उम्मीदवारों में कोई अंतर नहीं है.
गंदेरबल में नेशनल कॉन्फ्रेंस की एक चुनावी रैली में उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा, 'जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए बीजेपी निर्दलीय उम्मीदवों से डील कर सकती है. ऐसी ताकतों को रोकना है तो इन चुनावों में संभलकर वोट करें, जिससे आपकी चाही हुई कश्मीर की अगली सरकार बने. जो लोग दिल्ली के साथ डील में फंस गए हैं, वे कभी जम्मू और कश्मीर के हितों की बात नहीं कर पाएंगे.'
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू दौरे के दौरान कुछ ऐसा कहा था, जिसकी वजह से उमर अब्दुल्ला की त्योरियां चढ़ गई हैं. उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'एक दिन पहले, उन्होंने (अमित शाह) ने उन पार्टियों का नाम लिया जिनके साथ उन्हें सरकार नहीं बनानी है. कई राजनीतिक पार्टियां ऐसी हैं, जिनका उन्होंने नाम तक नहीं लिया. इसका साफ मतलब है कि अगर उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलता है, वे निर्दलीय उम्मीदवारों से हाथ मिलाएंगे जो हमारे खिलाफ लड़ रहे हैं. वे अपनी पार्टी और पीपुल्स कन्फ्रेंस को जोड़ेंगे.'
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लोग इंतजार कर रहे थे कि गृहमंत्री अमित शाह, जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी का भी जिक्र करेंगे, जिसके साथ बीजेपी नहीं जाएगी. वे चुप रहे. इसका मतलब यही है कि अगर बीजेपी चाहे तो सरकार बनाने के लिए आवामी इत्तेहाद पार्टी से भी गठबंधन कर सकती है.
उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया, 'जो लोग जेल में हैं, वे ही सिर्फ मेरे खिलाफ क्यों लड़ रहे हैं.' उमर अब्दुल्ला बार-बार इंजीनियर राशिद का नाम ले रहे हैं. यह वही नेता है, जिसने उन्हें लोकसभा चुनाव में बारामुला से करारी हार दी. उन्होंने सरजान बरकती का भी जिक्र दिया. साल 2016 में सरजान कश्मीर के विरोध प्रदर्शनों का एक बड़ा चेहरा रहा है.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'जब बारामुला में ये हुआ, मुझे ये खराब नहीं लगा. इंजीनयर राशिद वहां से पहले भी चुनाव लड़ा है. लेकिन राज्य विधानसभा में बरकती उतर रहा है, जिसका नामांकन शोपियां से रद्द हो चुका है. वह गंदेरबल से चुनाव लड़ेगा.'
जम्मू और कश्मीर की सियासत में अब अब्दुल्ला परिवार की रसूख पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद उम्मीदवारों को मेरे खिलाफ लड़ाना, एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है. इसे सोच समझकर तैयार किया गया है. निर्दलीय उम्मीदवारों को केवल वोटों को काटने के लिए लड़ाया गया है, लोगों की आवाज को दबाने के लिए लगाया गया है. गंदेरबल और बड़गाम दोनों विधानसभा सीटों पर 25 सिंतबर को चुनाव होने वाले हैं.