अगर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया है तो कुलगाम जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए: फारूक अब्दुल्ला
कुलगाम में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आतंकवाद को खत्म करने के सरकार के दावे पर सवाल उठाया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे को लेकर केंद्र सरकार के दावे पर रविवार को सवाल उठाया और कहा कि अगर आतंकवाद खत्म हो गया है तो कुलगाम आतंकी हमले जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. अब्दुल्ला ने दिल्ली चुनाव में जीत का दावा करने वालों की भी आलोचना की तथा इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय देश की जनता को करना है, न कि उन्हें या उनकी सहयोगी सकीना इटू को.
कुलगाम में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आतंकवाद को खत्म करने के सरकार के दावे पर सवाल उठाया. इस हमले में एक पूर्व सैनिक मारा गया और उसकी पत्नी सहित दो महिलाएं घायल हो गईं. उन्होंने कहा, ‘‘उन लोगों से पूछिए जो दावा करते हैं कि आतंकवाद समाप्त हो गया है. अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो उनसे पूछिए कि उनका दावा कहां गया. हर दिन वे संसद में, संसद के बाहर, वादी में और हर जगह बयान देते हैं कि आतंकवाद समाप्त हो गया है.’’
आतंकवाद खत्म हो गया है, तो इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने यहां एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर आतंकवाद खत्म हो गया है, तो इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’’ अब्दुल्ला ने दिल्ली चुनाव, विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन, जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से जुड़ी चिंताओं सहित राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर कई सवालों के जवाब दिए.
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जीत के दावों के संबंध में अब्दुल्ला ने कहा कि सभी को बुधवार को होने वाले चुनावों का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) यह भी कहा कि वे (जम्मू कश्मीर में) सत्ता में आएंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह या उस तरह (जम्मू कश्मीर में) त्रिशंकु विधानसभा होगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज उनके दावे कहां चले गए? ऐसा लगता है कि अब उनकी बोलती बंद हो गई है. फैसला इस देश के लोगों द्वारा किया जाता है, न कि फारूक अब्दुल्ला या सकीना इटू द्वारा.’’
भाजपा को लाभ मिलने की संभावनाओं के बारे में क्या बोले अब्दुल्ला:
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों के अलग-अलग चुनाव लड़ने से भाजपा को लाभ मिलने की संभावनाओं के बारे में अब्दुल्ला ने गठबंधन पर इसके प्रभाव के बारे में अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर मैं ईश्वर या अंतर्यामी होता, तो मैं इसकी भविष्यवाणी कर सकता था. लेकिन मैं एक साधारण इंसान हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे क्या पता कि कौन आएगा और कौन नहीं आएगा? मुझे तो यह भी नहीं पता था कि हम यहां (जम्मू कश्मीर में) आएंगे या नहीं.’’ अब्दुल्ला ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर भरोसा जताते हुए कहा कि ईश्वर के आशीर्वाद से गठबंधन आगे बढ़ रहा है और विरोध के बावजूद आगे बढ़ता रहेगा.
मेरे पास वह क्षमता नहीं है...: अब्दुल्ला
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन सहयोगियों को एकजुट करने की पहल करेंगे, इस पर अब्दुल्ला ने अपनी भूमिका को तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘‘मेरे पास वह क्षमता नहीं है और मैं वह व्यक्ति नहीं हूं. हम सभी जानते हैं कि साथ मिलकर हम इस देश के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं. बंटकर या अलग अलग रहकर हम कुछ हासिल नहीं कर सकते.’’
जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर अब्दुल्ला ने अपना रुख दोहराया और उम्मीद जताई कि इसे बहाल किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ईश्वर की कृपा रही तो इसे बहाल किया जाएगा. इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से होगा. अगर मैं अंतर्यामी होता तो मैं कहता कि यह अभी होगा लेकिन मैं वो नहीं हूं.’’
ईवीएम के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने इसके बजाय मीडिया की स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित किया और केंद्र सरकार की आलोचना करने की प्रेस की क्षमता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘आप जो सवाल पूछना चाहते हैं, पूछें. आप हमारे कितने जवाब छापते हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप केंद्र सरकार की आलोचना कर सकते हैं? आप केवल विपक्ष की आलोचना करते हैं. आपको डर है कि आप और आपका अखबार बर्बाद हो जाएगा. आप जेल में चले जाएंगे. आप उनकी चापलूसी करते रहेंगे.’’
कोविड-19 रोधी टीके की तरह कैंसर के टीके की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कोविड-19 रोधी टीके की शुरुआत को लेकर संदेह व्यक्त किया. उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 रोधी टीका बिना किसी परीक्षण के दिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम इसके परिणाम देख रहे हैं. कई युवाओं की दिल का दौरा पड़ने और अन्य समस्याओं के कारण मौत हो गई और कहा जा रहा है कि कोविड-19 रोधी टीका इसके लिए जिम्मेदार है. जब तक यह स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं हो जाता कि यह जिम्मेदार है या नहीं, हम कुछ नहीं कह सकते.’’ अब्दुल्ला ने कैंसर के टीके के विकास की पुरजोर वकालत की और गहन शोध की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप कैंसर के लिए टीका विकसित करना चाहते हैं, तो शोध किया जाना चाहिए. कौन कहता है कि टीका विकसित नहीं किया जाना चाहिए?’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘लेकिन इसे कोविड-19 रोधी टीके की तरह जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए. मैंने भी कई टीके लिए हैं.’’
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)