Jammu and Kashmir elections BJP started preparations for polls: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा जम्मू कश्मीर में चुनाव की तैयारियों में जुट गई. कहा जा रहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद ही भाजपा ने चुनावी बिगुल फूंक दिया. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चुनावी बैठकें कर रहे हैं, गांवों तक चुनावी अभियान शुरू कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में 23 जनवरी को भाजपा ने अपनी राज्य चुनाव समिति (एसईसी) की पहली बैठक की और देशव्यापी 'गांव चलो अभियान' पर कार्यशाला आयोजित की. पार्टी के नेताओं के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं.
बता दें कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र शासित प्रदेश की 5 सीटों (जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, उधमपुर और बारामूला), में से दो सीटों (जम्मू और उधमपुर) पर जीत हासिल की थी. जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 10 साल पहले यानी 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. फिलहाल, ये जानकारी नहीं है कि यहां विधानसभा चुनाव कब कराए जाएंगे.
भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंदर रैना ने राज्य चुनाव समिति (एसईसी) बैठक में पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए एक चुनौती है, क्योंकि हमारा लक्ष्य न केवल पिछले चुनावों में जीती गई सीटों को बरकरार रखना है, बल्कि अपनी सीटें भी बढ़ाना है.
उन्होंने बताया कि 'गांव चलो अभियान' 26 जनवरी के बाद शुरू होगा. इस अभियान में लोगों के मुद्दों को समझने की कोशिश की जाएगी और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि जनता को लोक कल्याण योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं? इसे समझने के लिए भाजपा के एक पदाधिकारी एक गांव में कम से कम 24 घंटे बिताएगा.
रैना के अलावा, एसईसी में पार्टी महासचिव (संगठन) अशोक कौल, पूर्व उपमुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर के लोकसभा क्लस्टर प्रभारी डॉ. निर्मल सिंह, पार्टी के उपाध्यक्ष और अभियान संयोजक पवन खजूरिया और इसके महासचिव डॉ. देविंदर कुमार मन्याल शामिल थे.
जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि जम्मू प्रांत में जम्मू और उधमपुर लोकसभा के अलावा, भाजपा को कश्मीर में अनंतनाग सीट जीतने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इन तीन सीटों में से जम्मू और उधमपुर में पार्टी को आसानी से जीत मिल जाएगी, क्योंकि प्रमुख विरोधियों नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीडीपी और कांग्रेस के पास मुख्य रूप से हिंदू निर्वाचन क्षेत्रों में कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अनंतनाग सीट पर भी जीत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि 2022 के बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद पुंछ और राजौरी के शामिल होने से इस सीट पर राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे.
परिसीमन के बाद पुंछ और राजौरी में काफी संख्या में ज्जर-बकरवाल, पहाड़ी मुस्लिम और हिंदू मतदाता हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या भाजपा समर्थकों की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास एक समय गुलाम नबी आज़ाद के रूप में एक बड़ा जम्मू नेता था, लेकिन अब उन्होंने अपनी खुद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) बना ली है, जिससे दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों के विभाजित होने की उम्मीद है.