जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार (9 अप्रैल) को वक्फ संशोधन अधिनियम की कड़ी आलोचना की. सीएम अब्दुल्ला ने ये दावा करते हुए कि वक्फ संशोधन अधिनियम ने पूरे देश में काफी चिंता का कारण बना दिया है. उन्होंने कहा, "देश का एक बड़ा हिस्सा इस विधेयक से नाराज है, और उन्हें महसूस हो रहा है कि सरकार उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने अपनी आपत्ति को दोहराते हुए कहा, "वक्फ संशोधन अधिनियम की कोई आवश्यकता नहीं थी. उन्होंने कहा,' एक धर्म को टारगेट किया जा रहा है... गैर-मुसलमानों को वक्फ गतिविधियों की समीक्षा करने की अनुमति दी जा रही है.
विधेयक में गैर-मुसलमानों की भूमिका पर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विशेष रूप से उस प्रावधान पर आपत्ति जताई, जिसमें गैर-मुसलमानों को वक्फ मामलों की निगरानी करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने सवाल किया, "क्या आप गैर-हिंदुओं को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड या श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की गतिविधियों की जांच करने की अनुमति देते हैं? क्या वे गैर-सिखों को एसजीपीसी की गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देते हैं?"
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ संवैधानिक चुनौती की योजना
सीएम अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक को लेकर एक कानूनी चुनौती देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा,"हम वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का सोच रहे हैं,.
महबूबा मुफ्ती ने भी जताई आलोचना
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने भी इस अधिनियम के खिलाफ अपनी कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, "विधानसभा में सत्ताधारी पार्टी द्वारा तीन दिनों तक जो ड्रामा किया गया और जो हमने ट्यूलिप गार्डन में देखा, वह शर्मनाक है." मुफ़्ती ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर देशभर में मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगाया.
बीजेपी और मुख्यमंत्री पर बोला जमकर हमला
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने आगे कहा, "बीजेपी देशभर के मुसलमानों पर हमले कर रही है, और यह चिंताजनक है." उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना करते हुए कहा, "केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का स्वागत करके, मुख्यमंत्री ने देश के सभी मुसलमानों को यह संदेश दिया कि जम्मू और कश्मीर सरकार वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करती है.