जम्मू के डोडा जिले में आतंकियों की फायरिंग में 5 जवान शहीद हो गए हैं. एक पुलिस कर्मी की भी मौत हो गई है. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस यहां सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इस दौरान आतंकी गोली चलाते हुए जंगल में भाग गए. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट की माने तो जम्मू क्षेत्र में पिछले 32 महीनों में शहीद होने वाले सैन्यकर्मियों की कुल संख्या 48 हो गई है. अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना के आधार पर डोडा के देसा इलाके में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया. पिछले एक महीने में जम्मू में लगातार 6 से 7 आतंकी हमले हुए. वहीं, 2021 के बाद से अकेले जम्मू में 21 आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं. इन 3 सालों में 42 जवान शहीद हुए और 23 नागरिकों की भी मौत हुई.
16 जुलाई, 2024: डोडा में कार्रवाई में सेना के चार जवान शहीद हुए.
8 जुलाई, 2024: कठुआ जिले में सैन्य काफिले पर आतंकवादियों के हमले में पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हो गए.
11-12 जून, 2024: दोहरे हमलों में छह सैनिक घायल.
9 जून, 2024: रियासी में आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने पर तीर्थयात्रियों से भरी एक बस के खाई में गिर जाने से नौ लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए.
4 मई, 2024: पुंछ जिले में भारतीय वायुसेना के एक वाहन सहित दो वाहनों पर भारी आतंकवादी गोलीबारी में भारतीय वायुसेना का एक जवान शहीद हो गया और पांच अन्य घायल हो गए.
21 दिसंबर, 2023: कार्रवाई में चार सैनिक मारे गए.
नवंबर 2023: दो कैप्टन सहित पांच सैनिक कार्रवाई में मारे गए.
अप्रैल-मई 2023: दोहरे हमलों में 10 जवान शहीद.
मई 2022: कटरा में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला होने से चार लोगों की मौत हो गई.
दिसंबर 2021: कार्रवाई में चार सैनिक मारे गए.
बढ़ती आतंकवादी घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर की स्थिति का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बात की. केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा संबंधी स्थिति और सशस्त्र बलों द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की पूरी जानकारी मांगी.