Jain Muni Acharya Vidyasagar Maharaj Dies: तीन दिन पहले छोड़ दिया था दाना-पानी, जैन मुनि आचार्य विद्यासागर ने 77 साल की उम्र में ली समाधि
Jain Muni Acharya Vidyasagar Maharaj Dies: जैन समाज के शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज आज ब्रह्मलीन हो गए. स्वेच्छा से आज रात उन्होंने 2 बजकर 30 मिनट पर देह त्याग दी.

Jain Muni Acharya Vidyasagar Maharaj Dies: जैन समाज के शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज आज ब्रह्मलीन हो गए. स्वेच्छा से आज रात उन्होंने 2 बजकर 30 मिनट पर देह त्याग दी. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ पर अंतिम सांस ली. जैन मुनि विद्यासागर पिछले तीन दिनों से कठोर उपवास पर थे और उन्होंने अन्न-पानी सब त्याग दिया था. उन्होंने मौन व्रत भी धारण कर रखा था.
कौन थे आचार्य विद्यासागर
जैन समुदाय के रत्न कहे जाने वाले आचार्य विद्यासागर का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के सदलगा गांव में हुआ था. जानकारी के अनुसार, आचार्य विद्यासागर, आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे. समाधि लेने से पहले उन्होंने अपना पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया. मुनि विद्यासागर 22 नवंबर 1972 को 26 साल की उम्र में आचार्य बने थे.
शास्त्रीय समेत कई भाषाओं पर थी पकड़
आचार्य विद्यासागर की शास्त्रीय (संस्कृत और प्राकृत) के अलावा कई आधुनिक भाषाओं, हिंदी, मराठी और कन्नड़ पर जबरदस्त पकड़ थी. इसके अलावा उन्होंने हिंदी और संस्कृत में कई किताबें भी लिखीं. उनकी ख्याति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई शोधकर्ताओं ने अपनी मास्टर्स और डॉक्टोरल डिग्री के लिए उनके कार्यों का अध्ययन किया. उनके निधन पर जैन समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी. इसके अलावा कई राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
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