Jain Muni Acharya Vidyasagar Maharaj Dies: जैन समाज के शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज आज ब्रह्मलीन हो गए. स्वेच्छा से आज रात उन्होंने 2 बजकर 30 मिनट पर देह त्याग दी. आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ पर अंतिम सांस ली. जैन मुनि विद्यासागर पिछले तीन दिनों से कठोर उपवास पर थे और उन्होंने अन्न-पानी सब त्याग दिया था. उन्होंने मौन व्रत भी धारण कर रखा था.
कौन थे आचार्य विद्यासागर
जैन समुदाय के रत्न कहे जाने वाले आचार्य विद्यासागर का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के सदलगा गांव में हुआ था. जानकारी के अनुसार, आचार्य विद्यासागर, आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे. समाधि लेने से पहले उन्होंने अपना पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया. मुनि विद्यासागर 22 नवंबर 1972 को 26 साल की उम्र में आचार्य बने थे.
शास्त्रीय समेत कई भाषाओं पर थी पकड़
आचार्य विद्यासागर की शास्त्रीय (संस्कृत और प्राकृत) के अलावा कई आधुनिक भाषाओं, हिंदी, मराठी और कन्नड़ पर जबरदस्त पकड़ थी. इसके अलावा उन्होंने हिंदी और संस्कृत में कई किताबें भी लिखीं. उनकी ख्याति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई शोधकर्ताओं ने अपनी मास्टर्स और डॉक्टोरल डिग्री के लिए उनके कार्यों का अध्ययन किया. उनके निधन पर जैन समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी. इसके अलावा कई राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की रात्रि 2:35 बजे चंद्रागिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में समाधि हो गई है। वे ईश्वर रूपी संत थे। शिक्षा व हाथ करघा पर बना कपड़ा पहनने का उनका संदेश हमें #महात्मा_गांधी का संदेश याद दिलाता है।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 18, 2024
संदेश -
डोला दोपहर 1 बजे चंद्रगिरी में निकलेगा।*…
वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का समाधिपूर्वक निधन का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है। मेरे जीवन में आचार्य श्री का गहरा प्रभाव रहा, उनके जीवन का अधिकतर समय मध्यप्रदेश की भूमि में गुजरा और उनका मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 18, 2024
आचार्य श्री के सामने आते… pic.twitter.com/HUB71hEh7E
आध्यात्मिक चेतना के पुंज, राष्ट्र संत विश्व वंदनीय संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की संलेखना पूर्वक समाधि अतिशय क्षेत्र डोंगरगढ़ में हुई...
— Gyaneshwar Patil BJP (@GyaneshwarBJP) February 18, 2024
गुरुदेव भगवान के श्रीचरणों में कोटि- कोटि वंदन...
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु pic.twitter.com/ETrB4aa0rj
संत शिरोमणि आचार्य श्री श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के ब्रह्मलीन होने पर उनके चरणों पर सादर नमन।
— Pradhuman Singh Tomar (@PradhumanGwl) February 18, 2024
आचार्य श्री जी की आध्यात्मिक चेतना का सूर्य युगों-युगों तक भारतीय समाज के मन-मस्तिष्क को प्रकाशित करता रहेगा...
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु...#AcharyaVidhyaSagar pic.twitter.com/Uh9RJIwn5m
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