जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आने वाले हैं. इससे पहले घाटी की दो बड़ी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के साथ के आने के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि दोनों दल बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए एक साथ आ सकती है. हालांकि उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के साथ गठबंधन की बातचीत को समय से पहले की बात बताया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए इसे समय से पहले की संभावना करार दिया है. उनकी यह टिप्पणी एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के इस संकेत के बाद आई है कि जरूरत पड़ने पर पार्टी पीडीपी के समर्थन पर विचार कर सकती है.
एनसी उपाध्यक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने समर्थन नहीं दिया है, उन्होंने समर्थन की पेशकश नहीं की है और हम नहीं जानते कि मतदाताओं ने अभी तक क्या निर्णय लिया है, इसलिए मैं वास्तव में चाहता हूं कि हम अगले 24 घंटों के लिए इन सभी अटकलों पर रोक लगा सकें.
फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पीडीपी से समर्थन लेने के विचार के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हम चुनाव में प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन मुझे कोई आपत्ति नहीं है और मुझे यकीन है कि कांग्रेस को भी कोई आपत्ति नहीं होगी.
उमर अब्दुल्ला ने लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद के उस सुझाव की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल होने तक सरकार गठन में देरी करने की बात कही थी. उन्होंने तर्क दिया कि इससे केवल भाजपा को ही लाभ होगा, जो इस क्षेत्र में केंद्रीय शासन को आगे बढ़ाना पसंद करेगी. अब्दुल्ला ने एक अन्य एक्स पोस्ट में कहा कि वे व्यक्ति 24 घंटे के लिए दिल्ली जाता है और वापस आकर सीधे भाजपा के हाथों में खेल जाता है. यदि भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो वह जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन को बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं चाहेगी.
जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती मंगलवार को होगी. यह 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार का फैसला करेगी. चुनाव में प्रमुख खिलाड़ियों में कांग्रेस-एनसी गठबंधन, पीडीपी और भाजपा शामिल हैं. कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से पहले चरण में 24, दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ. मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है.