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J&K Elections: चुनाव के बीच आतंकियों को मिलेगा कड़ा जवाब! सेना ने तैयार किया नया 'एक्शन प्लान'

J&K Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के बीच किसी आतंकी हमले की आशंका को लेकर सेना और स्थानीय पुलिस ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है. घाटी में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. चुनावों की घोषणा के बाद और इससे पहले घाटी में आतंकियों ने कुछ हमलों को अंजाम दिया है.

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Edited By: India Daily Live
Village defence guards
Courtesy: X Post

J&K Elections: सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू क्षेत्र में स्थानीय लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ग्राम रक्षा रक्षकों (वीडीजी) की ट्रेनिंग बढ़ा दी है. जानकारी के मुताबिक, फिलहाल करीब 600 ग्रामीणों को 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग ऑटोमैटिक राइफल, स्क्वाड पोस्ट अभ्यास और मामूली रणनीति चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसका उद्देश्य 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले स्थानीय सुरक्षा को बढ़ाना है.

सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि इससे पहले राजौरी क्षेत्र में करीब 500 ग्रामीणों और डोडा, किश्तवाड़ क्षेत्रों में 85-90 ग्रामीणों को ट्रेंड किया जा चुका है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुरोध पर शुरू की गई सेना की इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को अपने गांवों को आतंकवादी खतरों से बचाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिससे क्षेत्र के सुरक्षा ढांचे को बढ़ावा मिलेगा.

एक सूत्र ने बताया कि ये ट्रेनिंग यूनिट लेवल पर उनके संबंधित गांवों के पास आयोजित किया जा रहा है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वीडीजी अपने कौशल को जल्दी से लागू कर सकें. प्रत्येक वीडीजी यूनिट को न्यूनतम तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त होता है. इस कार्यक्रम का नेतृत्व क्षेत्र में तैनात सेना की ओर से किया जाता है, जिसमें सरोल में कोर बैटल स्कूल के ट्रेनर्स और ट्रेनिंग असिस्टेंट्स से अतिरिक्त सहायता मिलती है. सूत्र ने कहा कि ये सहयोग सुनिश्चित करता है कि वीडीजी को अत्यधिक कुशल कर्मियों से निर्देश मिले.

वीडीजी को दी जा रहीं 7.62 ऑटोमैटिक राइफलें

ट्रेनिंग के अलावा, सेना के आयुध डिपो (Ordnance Depot) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच प्रयास के जरिए से वीडीजी को 7.62 ऑटोमैटिक राइफलें भी जारी की जा रही हैं. सूत्र ने कहा कि इससे पहले, वीडीजी के पास बहुत पुरानी .303 बोल्ट-एक्शन राइफलें थीं.

सेना और अन्य सुरक्षा बल जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ-रोधी और आतंकवाद-रोधी ग्रिड के साथ-साथ जमीनी खुफिया नेटवर्क को भी मजबूत कर रहे हैं. राजौरी और पुंछ के जुड़वां सीमावर्ती जिलों में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी रियासी, डोडा, भद्रवाह, कठुआ और उधमपुर जैसे अन्य स्थानों तक फैल गई है.

अनुमान के अनुसार, कम से कम 55-60 आतंकवादी (मुख्य रूप से जैश-ए-मोहम्मद के) अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पार सफलतापूर्वक घुसपैठ करने के बाद जम्मू क्षेत्र में सक्रिय हैं. केंद्र ने हाल ही में जम्मू क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजे हैं, जिसमें 3,000 से अधिक सेना के जवान और लगभग 500 पैरा-स्पेशल फोर्स कमांडो के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त बटालियनें शामिल हैं.