Farooq Abdullah Statement: डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर सरकार के बीते छह महीनों के प्रदर्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है. जब उनसे पूछा गया कि सरकार ने अब तक क्या किया है, तो उन्होंने कहा, ''हम अपने किए गए वादों पर पूरी तरह अडिग हैं. हमें पांच साल का वक्त दीजिए, फिर पूछिए हमने क्या किया है.''
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा न मिलने को लेकर भी डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने तीखा हमला बोला. उन्होंने सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ''यहां विपक्ष (बीजेपी) इसके लिए जिम्मेदार है.''
वहीं फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जनता से जो वादे किए गए थे, वो वक्त के साथ पूरे किए जाएंगे. उन्होंने संकेत दिया कि पार्टी की प्राथमिकता राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल कराना और लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाना है.
#WATCH | On the J&K government's performance in the last six months, National Conference president Dr. Farooq Abdullah says, "We are firm on the promises we made. Ask us after five years, what all have we done."
— ANI (@ANI) April 14, 2025
On the restoration of the statehood of J&K, he says, "The… pic.twitter.com/witzecQ22E
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. फारूक के इस बयान को चुनावी रणनीति और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के रूप में भी देखा जा रहा है.
विपक्ष का दो टूक बयान
विपक्षी नेता ने हाल ही में एक राष्ट्रीय सम्मेलन में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के प्रयासों को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि नेकां के शासनकाल में स्कूल, अस्पताल और सरकारी संपत्तियां नष्ट कर दी गईं. नेकां ने दावा किया कि उसके 10,000 कार्यकर्ता मारे गए, लेकिन विपक्षी दल का तर्क है कि ये मौतें तब हुईं जब फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के पास गृह विभाग का प्रभार था. विपक्षी नेता ने यह भी कहा कि जब से कानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन आई है, तब से नेकां के एक भी कार्यकर्ता की जान नहीं गई है.