जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री और INDIA गठबंधन के सहयोगी उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बचाव किया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उन आरोपों को सख्ती से नकारा, जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी ने संसद परिसर में दो बीजेपी सदस्यों को धक्का दिया था. इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार राहुल गांधी के चरित्र के बिल्कुल विपरीत है.
संसद के बाहर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा "मैं राहुल गांधी को जानता हूं, वह कभी किसी को धक्का नहीं देंगे, किसी को भी नहीं. संसद की बात तो भूल ही जाइए, वह कभी सड़क पर चल रहे किसी व्यक्ति को धक्का नहीं देंगे. संसद को ठीक से काम करना चाहिए. दरअसल, बीजेपी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सरंगी को हमला कर घायल कर दिया, लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया.
#WATCH | Delhi | On ruckus in Parliament today, J&K CM Omar Abdullah says, "I know Rahul Gandhi, he would never push anyone, no one at all. Forget about Parliament, he would never push anyone walking on the road. The Parliament should function well." pic.twitter.com/o39zpnKqdS
— ANI (@ANI) December 19, 2024
बीजेपी और विपक्ष के बीच टकराव
संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह आरोप राहुल गांधी के व्यक्तित्व के विपरीत हैं. हालांकि, इससे पहले उन्होंने एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने बीजेपी के आरोपों के बीच राहुल गांधी का समर्थन किया था. यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बीआर अंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर विपक्ष और एनडीए सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक के दौरान हुई, जिसके बारे में कांग्रेस का दावा है कि इस दौरान भाजपा सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ भी हाथापाई की.
अमित शाह के बयान पर राहुल गांधी का सवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि हाथों में डंडे लिए भाजपा नेताओं ने उन्हें समेत कांग्रेस सांसदों को संसद में प्रवेश करने से रोक दिया.राहुल गांधी ने इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के लिए इस्तीफा देने की मांग की। अमित शाह का बयान कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच विवाद का कारण बना था, जिसके बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किए और डॉ. अंबेडकर की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन किया.