भारत के लिए आसान नहीं होगा बेल्जियम में गिरफ्तार हुए भगोड़े मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण, एक्सपर्ट्स ने बताया क्यों?
पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,850 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. चोकसी को भारत प्रत्यर्पण की तैयारियां तेज हो चुकी हैं.

भारत के भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को शनिवार को बेल्जियम में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया. 65 वर्षीय चोकसी साल 2018 से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के लिए वांछित है. चोकसी पर कथित तौर पर पंजाब नेशनल बैंक के सात 13,850 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है. हालांकि हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित कर भारत लाना इतना आसान नहीं होगा.
मेहुल चोकसी को लाने में कितना समय लग सकता है
मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायतकर्ताओं में से एक हरिप्रसाद ने कहा कि मेहुल चोकसी को भारत लाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उसके पास दिग्गज वकीलों की फौज है जो कानून से बचाने में उसकी मदद करते हैं. पहले भी वह कई बार अपने वकीलों के दम पर प्रत्यर्पण से बच चुका है.
एक मीडिया चैलन से बातचीत में हरिप्रसाद ने कहा, 'चौकसी को भारत लाना आसान नहीं होगा क्योंकि उसके पास पैसों की खान है और वह यूरोप में एक से एक अच्छे वकील खड़े कर सकता है जैसा कि विजय माल्या कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि माल्या का लाना भारत के लिए इतना आसान होगा.'
उन्होंने कहा कि जब उसे एंटिगुआ और अन्य महाद्वीपों पर पकड़ा गया था तो वह इसी तरह वकीलों की मदद से बच निकलने में कामयाब रहा था. उसके पास वकीलों की फौज है लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस बार भारत सरकार सफल होगी.
वहीं पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि भारत प्रत्यर्पण के लिए आवेदन कर सकता है लेकिन चोकसी के पास बेल्जियम सरकार के समक्ष प्रत्यर्पण से बचने के लिए अपील करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा लेकिन मैं फिर से यहां कहना चाहूंगा कि राणा को लाने में हमें कितने साल लग गए 26/11 का हमला 2008 में हुआ था और 2025 चल रहा है. ऐसे ही प्रत्यर्पण में समय लगता है, बहुत सारी चुनौतियां, रुकावटें सामने आ सकती हैं.
क्या बोले चोकसी के वकील
बेल्जियम में मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि अगर उनको प्रत्यर्पित किया जाता है तो उनके मानवाधिकार बुरी तरह से प्रभावित होंगे.
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्रवाल ने कहा कि चोकसी की टीम उनके प्रत्यर्पण को हर हाल में चुनौती देगी. उन्होंने कहा कि हम दो आधारों पर उनका बचाव करेंगे. पहला तो यह कि यह एक राजनीतिक केस है और दूसरा भारत में मानवाधिकारों की स्थिति. उन्होंने दावा किया कि चोकसी को आधिकारिक तौर पर भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है क्योंकि वे भारत की जांच एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं.
अग्रवाल ने आगे कहा कि हमने एजेंसियों को बार-बार बताया है कि चोकसी सहयोग के लिए तैयार हैं लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे यात्रा नहीं कर सकते. इसलिए हमने पहले भी कहा है कि वो वीडियो कॉन्फ्रेंस पर जांच के लिए तैयार हैं. इसलिए आज तक सब को भगोड़ा घोषित किया गया है लेकिन चोकसी को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है.
कैंसर से जूझ रहा है चोकसी
चोकसी के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'वह बुरी तरह से बीमार हैं. उनका कैंसर का इलाज चल रहा है. पिछली बार भारतीय एजेंसियों ने उन्हें एंटिगुआ से उठाया था, टॉर्चर के कारण वह बुरी तरह से परेशान हो गए थे. वह पीटीएसडी से भी पीड़ित हैं.