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'बच्चों से टॉयलेट साफ करवाना सही', चित्रदुर्ग सांसद की टिप्पणी से विवाद

शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम में करजोल ने कहा कि अगर छात्र स्कूलों में शौचालय साफ करते हैं तो इसमें क्या गलत है? जापान में शिक्षक और छात्र शौचालय साफ करते हैं.

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Edited By: India Daily Live
Chitradurga MP Govind Karjol
Courtesy: Social Medai

कर्नाटक के चित्रदुर्ग के सांसद गोविंद करजोल के बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है. उन्होंने शौचालयों सहित परिसरों की सफाई में स्कूली बच्चों को शामिल करने को लेकर टिप्पणी की. शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम में करजोल ने कहा कि अगर छात्र स्कूलों में शौचालय साफ करते हैं तो इसमें क्या गलत है? जापान में शिक्षक और छात्र शौचालय साफ करते हैं. कुछ लोग इस बात से सहमत हैं कि श्रम की गरिमा एक ऐसा पाठ है जो बच्चों को सिखाया जाना चाहिए. हालांकि चेतावनी देते हैं कि इससे जातिगत भेदभाव और लैंगिक रूढ़िवादिता नहीं होनी चाहिए.

'जब मैं पढ़ता था, तो हम अपने छात्रावास की सफाई करते थे'

गोविंद करजोल ने कहा कि हमने ऐसे वीडियो देखे हैं जहां शिक्षक छात्रों से शौचालय साफ करवाते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. छात्रों को झाड़ू देना एक अपराध के रूप में देखा जा रहा है, जिससे छात्रों को लगता है कि सफाई का काम हीन है. इसके बजाय, बच्चों को स्वच्छता के बारे में सिखाना आवश्यक है. सभी छात्रों को बारी-बारी से शामिल किया जाना चाहिए. कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. शिक्षकों को इस अभ्यास का नेतृत्व रोटेशन से करना चाहिए, जिसमें प्रधानाध्यापक और पुरुष शिक्षक शामिल हों. 

उन्होंने कहा कि केवल कक्षा 5 और उससे ऊपर के छात्र, जिनकी न्यूनतम आयु 11 वर्ष हो इसमें शामिल होने चाहिए. शौचालयों में नल के पानी की सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए और बच्चों से आस-पास के स्रोतों से पानी लाने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सभी स्कूलों में किया जाना चाहिए. सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में उन्होंने कहा कि सफाई के लिए हर सप्ताहांत में सफाई कर्मियों को भुगतान किया जाना चाहिए. 

दलित समुदाय के बच्चों पर...

शिक्षाविद् निरंजनाराध्या वीपी ने कहा कि यह मुद्दा उतना सरल नहीं है जितना दिखता है. दलित समुदाय का प्रतिनिधि होने के नाते, करजोल का बयान आश्चर्यजनक है. यह कहना आसान है कि बच्चों को शौचालय साफ करना चाहिए, लेकिन अंत में यह दलित समुदाय के बच्चों पर ही पड़ेगा. हमने यही देखा है. गतिविधि की निगरानी के लिए तंत्र कहां है? राज्य को स्कूल में न्यूनतम सुविधाएं प्रदान करने की ज़िम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए, ताकि छात्र वह कर सकें जो उन्हें करना चाहिए.