आरोपों की बौछार पे खरगे का पलटवार, परिवारवाद के मुद्दे पर PM मोदी से दागे सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. पीएम मोदी ने इस दौरान परिवारवाद समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी को जमकर घेरा.

Avinash Kumar Singh

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी पर PM मोदी की ओर से किये गए हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ा पलटवार किया हैं. खड़गे ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना सो नहीं सकते. पीएम मोदी ने लोकसभा में हमारी पार्टी के अंदर परिवारवाद और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया. हमारे नेताओं ने देश के लिए अपना जीवन बलिदान किया है. मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि क्या आपकी पार्टी या आपके किस-किस नेताओं ने ने देश की आजादी एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन बलिदान किया है?

दरअसल लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक परिवार की कई पीढ़ियों के सदस्य अगर योग्यता से राजनीति में आते हैं तो वह उसे परिवारवाद नहीं मानते बल्कि एक ही परिवार की ओर से पार्टी चलाने को गलत मानते हैं. कांग्रेस को एक परिवार के आगे कुछ नहीं दिखाई देता और इससे उसने खुद का, विपक्ष का, देश का और संसद का बड़ा नुकसान कर दिया है.

'कांग्रेस की दुकान में ताला लगने की नौबत'

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि उनका मानना है कि देश को अच्छे स्वस्थ विपक्ष की बहुत जरूरत है, लेकिन कांग्रेस ने दस साल के बाद भी स्वस्थ विपक्ष बनने का प्रयास नहीं किया. एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान में ताला लगने की नौबत आ गई. कांग्रेस का विश्वास सिर्फ एक परिवार पर ही रहा है, एक परिवार के आगे वे न कुछ सोच सकते हैं और न देख सकते हैं. 

'अलायंस का बिगड़ अलाइनमेंट'

इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नया-नया मोटर मैकेनिक का काम सीखा है, इसलिए अलाइनमेंट क्या होता है उसका ज्ञान हो गया है लेकिन अलायंस का ही अलाइनमेंट बिगड़ गया. कुछ दिन पहले भानुमति का कुनबा जोड़ा लेकिन फिर एकला चलो रे करने लग गए, अलायंस का ही अलाइनमेंट बिगड़ गया है.  इनको अपने कुनबे में अगर एक दूसरे पर विश्वास नहीं है तो देश पर विश्वास कैसे करेंगे. कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया. वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता को कमतर आंकते रहे. जिसका नतीजा देश के सामने है.