भारत की सुरक्षा को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने भारत में बड़े स्तर पर हमले करने की योजना बनाई थी, लेकिन मोदी सरकार की सतर्कता और कड़ी कार्रवाई के कारण उनका यह नापाक इरादा विफल हो गया. संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस गंभीर सुरक्षा खतरे का खुलासा किया गया है.
ISIL की भारत में हमले की योजना
'लोन एक्टर्स' के खतरे से भारत की सुरक्षा
लोन एक्टर्स या अकेले हमलावरों द्वारा किए गए हमले एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं. ये हमलावर किसी भी आतंकवादी समूह का हिस्सा नहीं होते, लेकिन वे कट्टरपंथी विचारधाराओं से प्रेरित होकर आतंक फैलाने की कोशिश करते हैं. UN रिपोर्ट में कहा गया है कि ISIL ने भारत में इस तरह के हमलों के लिए अपने समर्थकों को प्रेरित करने की योजना बनाई थी. इसके अलावा, ISIL की प्रचार एजेंसी अल-जौहर मीडिया ने अपने एंटी-इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के लिए 'सीरत-उल-हक' नामक प्रकाशन का इस्तेमाल किया था.
अफगानिस्तान से बढ़ता आतंकवाद का खतरा
UN रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अफगानिस्तान में 25 से अधिक आतंकवादी समूह सक्रिय हैं, जो न केवल अफगानिस्तान, बल्कि पूरे क्षेत्र और उससे बाहर भी सुरक्षा संकट पैदा कर रहे हैं. रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि अफगानिस्तान से उभरने वाली अस्थिरता वैश्विक स्तर पर उग्रवाद और हिंसा को बढ़ावा दे सकती है.
ISIL का वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी 20वीं रिपोर्ट में ISIL को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में पहचानते हुए इसे "चिंताजनक" बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ISIL के गतिविधियों से उत्पन्न होने वाला खतरा अभी भी बना हुआ है, जो पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है.
भारत की सुरक्षा को लेकर बढ़ती सतर्कता
भारत ने ISIL के इस खतरे को गंभीरता से लिया है और देश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता बनाए हुए हैं. लोन-वुल्फ हमलों और कट्टरपंथी विचारधाराओं के प्रसार को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और रणनीतिक कदमों ने आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार किया है, जिससे भारत इन खतरों से सुरक्षित रह सका है.