ये जादू है या गणित, टैक्स कटौती से नुकसान...चिदंबरम ने उठाए बजट पर सवाल
चिदंबरम ने इनकम टैक्स में की गई कटौती का हवाला देते हुए कहा कि यह सिर्फ मध्यम वर्ग तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे अमीरों को भी भारी फायदा होगा. उन्होंने इस पर चिंता जताई कि इन टैक्स कटौतियों के कारण सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के हालिया बजट पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने संसद के बजट सत्र में कहा कि इस बजट में कोई दूरदृष्टि नहीं है और यह पूरी तरह से चुनावी लाभ के लिए तैयार किया गया है. उनका कहना था कि बजट में घोषित कदमों से केवल कुछ वर्गों को ही लाभ पहुंचेगा, जबकि व्यापक रूप से इसका कोई ठोस असर नहीं होगा.
चिदंबरम ने इनकम टैक्स में की गई कटौती का हवाला देते हुए कहा कि यह सिर्फ मध्यम वर्ग तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे अमीरों को भी भारी फायदा होगा. उन्होंने इस पर चिंता जताई कि इन टैक्स कटौतियों के कारण सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने दावा किया कि नेट कलेक्शन 11 प्रतिशत बढ़ेगा. चिदंबरम ने इसे गणित या जादू करार देते हुए इस दावे की सत्यता पर सवाल उठाया.
किसे मिलेगा फायदा?
चिदंबरम ने बजट के उस हिस्से को भी आलोचना की जिसमें टैक्स छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है. उनका कहना था कि यह कदम केवल उन 3.2 करोड़ लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो इनकम टैक्स भरते हैं, जबकि बाकी लोग रिटर्न तो भरते हैं, लेकिन टैक्स का कोई भुगतान नहीं करते. इस प्रकार, अधिकांश लोगों को इससे कोई खास लाभ नहीं मिलेगा.
चिदंबरम का कहना था कि इस बजट को देखकर यह लगता है कि यह सिर्फ चुनावों के लिए एक घोषणा पत्र बनकर रह गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने बजट में कोई ठोस दूरदृष्टि या दीर्घकालिक विकास की योजना प्रस्तुत नहीं की है. बजट को लेकर उनकी आलोचनाएं इस बात को लेकर हैं कि यह केवल छूट और लाभ के वादों पर आधारित है, जबकि वास्तविक विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.