'क्या फैसला सुनाते वक्त आपके ऊपर भी राजनीतिक दबाव होता है?', जानें सवाल पर क्या बोले CJI चंद्रचूड़
सोशल मीडिया पर कभी कभार जजों और न्यायाधीशों की होने वाली आलोचनाओं पर सीजेआई ने कहा कि आलोचना कभी कभी अनुचित होती है लेकिन जज इसे संभाल सकते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं. वह हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं. मंगलवार को उन्होंने लंदन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में समाज में निर्णायकों की मानवीय भूमिका के विषय पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने न्यायिक प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने में तकनीक की भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
'क्या आपके ऊपर भी राजनीतिक दबाव होता है'
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या फैसले सुनाते वक्त आपको कभी राजनीतिक या सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा? इस पर उन्होंने कहा, 'न्यायाधीश के रूप में अपने 24 सालों के कार्यकाल में मुझे कभी भी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा.' उन्होंने आगे कहा, 'हमारा जीवन सरकार की राजनीतिक शाखा से बिल्कुल अलग है लेकिन स्पष्ट रूप से न्यायाधीशों को अपने निर्णयों के राजनीति पर पड़ने वाले व्यापक असर के बारे में मालूम होना चाहिए. यह राजनीतिक दबाव नहीं है बल्कि किसी फैसले से पड़ने वाले संभावित प्रभाव की समझ है.' हालांकि, CJI ने कहा कि जब न्यायाधीशों को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों पर निर्णय लेने के लिए बुलाया जाता है तो उन्हें एक अलग तरह के राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है.
'लोकतंत्र में न्यायपालिका की अहम भूमिका'
सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसमें हम परंपरा की भावना को प्रदर्शित करते हैं और यह भी प्रदर्शित करते हैं कि एक अच्छे समाज का भविष्य कैसा होना चाहिए.
चुनाव लोकतंत्र का मूल आधार
सोशल मीडिया पर न्यायाधीसों के खिलाफ की जाने वाली कुछ अनुचित आलोचनाओं को रेखांकित करते हुए सीजेआई ने कहा कि तकनीक का समग्र प्रभाव न्यायपालिका को समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचाने में मदद करना है.वहीं भारत के आम चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार हैं.