menu-icon
India Daily

पश्चिम बंगाल में तनाव के हालात, बीरभूम में होली के दौरान हुई हिंसा के बाद ठप हुई इंटरनेट सेवा, पुलिस बल की तैनाती

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शनिवार 15 मार्च को दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद इलाके में तनाव का माहौल हो गया है.  हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने  शहर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

auth-image
Edited By: Garima Singh
Internet services Suspended
Courtesy: x

Internet services Suspended: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शनिवार 15 मार्च को दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद इलाके में तनाव का माहौल हो गया है.  हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने  शहर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. इसके साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है.

अधिकारियों के मुताबिक, अफवाहों और गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सैंथिया के पांच ग्राम पंचायत क्षेत्रों में इंटरनेट और वॉयस-ओवर-इंटरनेट टेलीफोनी (VoIP) सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं. यह प्रतिबंध 14 मार्च से 17 मार्च तक प्रभावी रहेगा। हालांकि, वॉयस कॉल और SMS  सेवाएं चालू रहेंगी और समाचार पत्रों के प्रसार पर भी कोई रोक नहीं लगाई गई है.

प्रशासन का कहना है कि इंटरनेट प्रतिबंध केवल शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लगाया गया है और इसका उद्देश्य जानकारी के प्रसार को बाधित करना नहीं है.

विपक्ष का सरकार पर हमला

राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सरकार की आलोचना करते हुए इसे "कानून-व्यवस्था की विफलता" करार दिया।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "यह कदम सरकार की अक्षमता का प्रमाण है। पश्चिम बंगाल सरकार सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को छिपाने का प्रयास कर रही है। मैं गृह मंत्रालय और बंगाल के राज्यपाल से आग्रह करता हूं कि वे राज्य के बिगड़ते हालात पर मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगें।"

क्या हुआ था बीरभूम में?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, होली के मौके पर शुक्रवार को सैंथिया शहर में एक समूह और कुछ नशे में धुत व्यक्तियों के बीच मौखिक विवाद हुआ. विवाद जल्द ही हिंसक झड़प में तब्दील हो गया, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी की और हाथापाई की। इस दौरान कई स्थानीय नागरिक घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद हिंसा थमी.

भाजपा ने सरकार पर लगाया सच छिपाने का आरोप

भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि यह हिंसा केवल बीरभूम तक सीमित नहीं थी, बल्कि तामलुक, नंदकुमार और अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं हुईं. उन्होंने दावा किया कि प्रशासन हालात को संभालने में नाकाम रहा है और सच को दबाने की कोशिश कर रहा है.