नई दिल्ली: मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है. मणिपुर गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जानमाल के नुकसान, सार्वजनिक, निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति में व्यापक गड़बड़ी के खतरे को रोकने के लिए यद कदम उठाए जा रहा है. इंटरनेट पर निलंबन रविवार 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 45 मिनट तक जारी रहेगा. अगर कोई भी व्यक्ति शासन के इस आदेश का उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बीते 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के तुरंत बाद इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा. बीते शनिवार को सीएम एन. बीरेन सिंह ने ही राज्य में इंटरनेट प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था. सभी वर्गों के लोगों और विभिन्न संगठनों की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए पहले प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटा दिया था.
दरअसल मणिपुर से जुलाई से लापता दो छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. दोनों युवकों की पहचान फिजाम हेमजीत और हिजाम लिनथोइनगांबी के रूप में हुई है. इंफाल घाटी में अज्ञात हमलावरों की ओर से दो छात्रों की हत्या के विरोध में इंफाल में सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसपर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो 30 से अधिक छात्र घायल हो गए. इस वजह से राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया. बिगड़ते हालात को देखते हुए मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर फिर से रोक बढ़ा दिया है.
पांच दिनों के लिए बंद हुईं इंटरनेट सर्विस मणिपुर के विधायकों ने गृह मंत्री शाह को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के जरिये दो छात्रों की मौत की CBI जांच कराने की उठाई मांग की गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में विधायकों ने लिखा कि "हम, मणिपुर विधान सभा के अधोहस्ताक्षरी सदस्य आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि दो मारे गए छात्रों, फिजाम हेमजीत (20 वर्ष) और हिजाम लिनथोइंगंबी की तस्वीरें (17 वर्ष) जो जुलाई 2023 से लापता हैं. जिसके कारण आज राज्य में बड़े पैमाने पर अशांति और हिंसा हुई. ऐसे में इस मामले की सीबीआई से जांच करायी जाए ताकि दोषियों को सजा दी जा सके और जल्द से जल्द न्याय दिया जा सके"
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