Kumar Vishwas On Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मासूम पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा की गई इस जघन्य वारदात ने भारतवासियों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है. लोग सेना से इन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं.
आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने इस आतंकी हमले पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि आतंकवादियों का खात्मा अब अनिवार्य है. कुमार विश्वास ने बुधवार को इस हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक पुराने कविता के वीडियो को साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा: 'मैंने एक दशक पहले कहा था और अब उसे दोहरा रहा हूं. इसे आज समझो या कल, उपाय बस यही है'.
कुमार विश्वास ने जिस कविता को साझा किया, उसमें आतंकवाद और देश की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी की गई थी. उनकी कविता में एक वाक्य था, 'देश बनाएंगे या फिर अपने बेटों की लाशें धोएं? इसी उलझन में हर निश्चित जीत हार जाती है. ये दिल्ली वाले आखिर किस दिन समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है..!'
एक दशक पहले कहा था, फिर दोहरा रहा हूँ। आज समझो या कल, उपचार बस यही है…😡
“देश बनाएँ या फिर अपने बेटों की लाशें ढोयें ?
इसी कश्मकश में हर जीती बाज़ी हारी जाती है।
एक बात ये दिल्ली वाले आख़िर किस दिन समझेंगे?
कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है..!”#PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/wbaRXYqsZK
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) April 23, 2025
इस कविता का अनुवाद कुछ इस प्रकार है: 'देश बनाएंगे या फिर अपने बेटों की लाशें धोएं? इसी उलझन में हर निश्चित जीत हार जाती है. ये दिल्ली वाले आखिर किस दिन समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है..!'