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India Daily

'कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है', पहलगाम आतंकी हमले पर फूटा कुमार विश्वास का गुस्सा

देश बनाने के लिए या अपने बेटों की लाशें धोने के लिए? इसी कश्मकश में हर जीती बाजी हार जाती है. दिल्ली वाले आखिर कब समझेंगे? कुत्ते पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है, पर कब तक?

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Edited By: Anvi Shukla
kumar vishwas on pahalgam terror attack
Courtesy: social media

Kumar Vishwas On Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मासूम पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है. पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा की गई इस जघन्य वारदात ने भारतवासियों में गुस्से की लहर पैदा कर दी है. लोग सेना से इन आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए हैं.

आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने इस आतंकी हमले पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि आतंकवादियों का खात्मा अब अनिवार्य है. कुमार विश्वास ने बुधवार को इस हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक पुराने कविता के वीडियो को साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा: 'मैंने एक दशक पहले कहा था और अब उसे दोहरा रहा हूं. इसे आज समझो या कल, उपाय बस यही है'.

कुमार विश्वास की कविता में छिपा गहरा संदेश

कुमार विश्वास ने जिस कविता को साझा किया, उसमें आतंकवाद और देश की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी की गई थी. उनकी कविता में एक वाक्य था, 'देश बनाएंगे या फिर अपने बेटों की लाशें धोएं? इसी उलझन में हर निश्चित जीत हार जाती है. ये दिल्ली वाले आखिर किस दिन समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है..!'

इस कविता का अनुवाद कुछ इस प्रकार है: 'देश बनाएंगे या फिर अपने बेटों की लाशें धोएं? इसी उलझन में हर निश्चित जीत हार जाती है. ये दिल्ली वाले आखिर किस दिन समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है..!'