इंफोसिस ने 400 ट्रेनी को कर दिया फायर, बाउंसर से जब्त कराया मोबाइल

कंपनी ने कर्मचारियों के फोन भी जब्त कर लिए और उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए बाउंसरों को तैनात कर दिया. यह स्थिति तब बनी जब इन कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर किया गया और उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया, जिससे उनके बीच असंतोष फैल गया.

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दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी इन्फोसिस इस समय विवादों के घेरे में है. पहले कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा सप्ताह में 90 घंटे काम करने की बात की गई थी, जिससे पूरे उद्योग जगत में हलचल मच गई थी. अब कंपनी ने अपने कर्मचारियों के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाया है, जिसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. कंपनी ने कर्नाटक के मैसूर स्थित अपने कैंपस से 400 ट्रेनी इंजीनियरों को अचानक नौकरी से निकाल दिया.

इस कदम के बाद, कंपनी ने कर्मचारियों के फोन भी जब्त कर लिए और उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए बाउंसरों को तैनात कर दिया. यह स्थिति तब बनी जब इन कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर किया गया और उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया, जिससे उनके बीच असंतोष फैल गया. इसके बाद बाउंसरों की तैनाती की गई, ताकि कोई कर्मचारी अपनी शिकायत लेकर बाहर न जा सके.

हो रही आलोचना

यह घटना इन्फोसिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि इससे न केवल कंपनी की छवि पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार की भी आलोचना हो रही है. इस मामले को लेकर कई कर्मचारी संगठन और ट्रेड यूनियन भी सामने आ चुके हैं और उन्होंने कंपनी के इस कदम की कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि अगर कंपनी किसी कर्मचारी को निकालना चाहती है, तो यह एक व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जाना चाहिए, न कि इस तरह के कठोर कदम उठाकर.

नारायण मूर्ति ने कही थी 90 घंटे काम करने की बात

इसके अलावा, नारायण मूर्ति का बयान भी हाल ही में विवादों का कारण बना था. उन्होंने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की बात की थी, जिससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठने लगे थे. हालांकि, इन्फोसिस ने इस बयान को लेकर बाद में सफाई दी थी, लेकिन इसके बावजूद कंपनी के कामकाजी माहौल को लेकर सवाल खड़े हो गए थे.