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India Daily

Infosys के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन पर दर्ज हुआ मुकदमा, SC/ST के तहत हुई FIR

Kris Gopalakrishnan Booked: Infosys के को-फाउंडर कृष्ण गोपालकृष्णन, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के पूर्व निदेशक बालराम और 16 अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को एससी-एसटी एट्रोसिटीज प्रिवेंशन लॉ के तहत मामला दर्ज किया गया. 

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Edited By: Shilpa Srivastava
Infosys co founder Kris Gopalakrishnan

Kris Gopalakrishnan Booked: Infosys के को-फाउंडर कृष्ण गोपालकृष्णन, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के पूर्व निदेशक बालराम और 16 अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को एससी-एसटी एट्रोसिटीज प्रिवेंशन लॉ के तहत मामला दर्ज किया गया. यह शिकायत दुर्गप्पा ने की है जो पूर्व IISc प्रोफेसर हैं और बोवी आदिवासी कम्यूनिटी से संबंधित हैं. इन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें 2014 में एक हनी ट्रैप मामले में गलत तरीके से फंसाया गया, जिसके कारण उन्हें अपनी नौकरी से हटा दिया गया. दुर्गप्पा ने यह भी दावा किया कि उन्हें जातिवादी गालियां दी गईं और धमकियां मिलीं.

दुर्गप्पा IISc के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी सदस्य थे. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ यह सब जातिवाद के कारण हुआ और उन्हें लगातार मेन्टल हरस्मेंट झेलना पड़ा. इस मामले में FIR बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है, जो कि 71वें सिटी सिविल और सेशंस कोर्ट के निर्देशों के बाद किया गया.

इन लोगों पर भी दर्ज हुआ मुकदमा:

इस समय तक IISc के फैकल्टी या गोपालकृष्णन से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गोपालकृष्णन, जो IISc के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य भी हैं, पर भी आरोप लगाए गए हैं. इस मामले में अन्य आरोपियों में गोविंदन रंगराजन, श्रीधर वारियर, संदीप विश्वेश्वरैया, हरी KVS, दासप्पा, बालराम P, हेमलता मिषी, चट्टोपाध्याय K, प्रदीप डी सावकार और मनोहनन का नाम भी शामिल है.

यह मामला एक गंभीर जातिवाद और शोषण का प्रतीक बन गया है, जिसमें एक व्यक्ति के जीवन और करियर को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है. मामले की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.