मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक और साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें एक रिटायर्ड शिक्षक से ठगों ने 96 लाख रुपये की ठगी की. ठगों ने खुद को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के अधिकारी के रूप में पेश कर यह धोखाधड़ी दो सालों में अंजाम दी. इस धोखाधड़ी के तहत ठगों ने पीड़ित को पॉलिसी संबंधित प्रक्रिया और भविष्य में मिलने वाले लाभ के नाम पर पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महिला, जो कि एक रिटायर्ड शिक्षक हैं. उसका एसबीआई बैंक में खाता था और उन्होंने पहले ही एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस से दो वैध पॉलिसी खरीदी थी. साल 2023 में, उन्हें एक अजनबी व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को राजीव शर्मा बताया और कहा कि वह एसबीआई से है और उनकी पॉलिसियों में मदद करना चाहता है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
ठगों ने उन्हें बताया कि वे पॉलिसी पर "सर्डर अमाउंट" के लिए पात्र हैं. इस लाभ को प्राप्त करने के लिए उन्हें एक प्रीमियम का भुगतान करना होगा. पीड़ित महिला ने कॉलर को वास्तविक मानते हुए और यह सोचते हुए कि वह पॉलिसी के बारे में जानता है, पहले 1 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की. इसके बाद, ठगों ने उन्हें पॉलिसी संबंधित प्रक्रियाओं, टैक्स और भविष्य के लाभ के नाम पर पैसे भेजने के लिए लगातार मनाया. महिला ने कुल 34 ऑनलाइन लेन-देन किए, जिसमें लगभग 96 लाख रुपये का भुगतान किया.
कैसे पकड़ी गई धोखाधड़ी!
जनवरी 2025 में जब ठगों ने अचानक संपर्क करना बंद कर दिया, तो महिला को एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गई हैं. इसके बाद उन्होंने इंदौर क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और ठगों के खिलाफ कार्रवाई की.
कैसे रहें सुरक्षित
यह घटना यह साबित करती है कि ठग बड़े संगठनों के नाम का फायदा उठाकर लोगों को ठगने का प्रयास करते हैं. ऐसे धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ सुरक्षा उपायों का पालन करना जरूरी है.