इंडोनेशिया की छोरी को हुआ बिहारी छोरे से प्यार, शादी रचाई तो जुटा हुजूम

मोतिहारी के हर्षवर्धन ने सोइल्लीना मेनाक सिलाबन को अपनी धर्मपत्नी की रूप में स्वीकार किया है. दोनों की शादी भारतीय रीति रिवाज से हुई है. इसे शादी को देखने लोगों का हुजूम जुटा.

Gyanendra Sharma

अमित कुमार, मोतिहारी: प्यार की कोई जात कोई धर्म और कोई सीमा नहीं होती. इसे एक बार फिर से सही साबित किया है बिहार के हर्षवर्धन कुमार और इंडोनेशिया के सिबोरोगबोरोग की रहने वाली सोइल्लीना मेनाक सिलाबन ने. दोनों ने सारी बेड़ियों को तोड़कर एक दूसरे का होने का फैसला किया. मोतिहारी के हर्षवर्धन ने सोइल्लीना मेनाक सिलाबन को अपनी धर्मपत्नी की रूप में स्वीकार किया है. इस शादी की देशभर में चर्चा है. इस अनोखे शादी में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत कर देसी दूल्हा और विदेशी दुल्हन के सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं दी. 

शादी से खुश दिखा दोनों परिवार

सात समन्दर पार इंडोनेशिया के सिबोरोगबोरोग से आई एक विदेशी युवती ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पताही में हिन्दू रीति रिवाज से शादी रचाई है. दोनों परिवार ने इस शादी को परिवार वालों ने भी खुशी-खुशी अपना लिया है. परिजनों का आशीर्वाद पाकर दोनों काफी खुश हैं. दूल्हे की मां ने भी इस शादी पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे दुल्हन सभी रिवाजों को सीख जाएगी. 

ये है पूरी कहाना

बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले अखिलेश कुमार अपने बेटे हर्षवर्धन को पढ़ने के लिए साल 2018 में इंडोनिशिया भेजते हैं. बेटा वहां नेशनल चुंग चेंग यूनिवर्सिटी ताइवान में पढ़ाई करता है. इसी दौरान उसकी मुलाकात  मेनाक सिलाबन से होती है. दोनों को एक दूसरे का साथ पसंद आता है. धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदलता है. लेकिन डर था परिवार का समाज का कि हमारे रिश्ते को स्वीकार करेंगे या नहीं? इसलिए दोनों ने पहले इंडोनेशिया में शादी कर ली. 

भारतीय रीति रिवाज से हुई शादी

जब घर वाले मान गए तब हर्षवर्धन और मेनाक बिहार आए. दोनों ने भारतीय रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की. पूर्वी चंपारण के पताही में हिंदू रीति रिवाज से दोनों की शादी हुई. भारतीय सभ्यता संस्कृति और परिधान में सजी विदेशी दुल्हन काफी सुंदर दिख रही थी.  दुल्हन इंडोनेशिया के नॉर्थ सुमात्रा प्रोविंस स्थित सिबोरोगबोरोगा की रहने वाली है, जिसका नाम सोइल्लीना मेनाक सिलाबन है. वहीं दूल्हा पताही के परसौनी गांव का रहने वाले अखिलेश कुमार सिंह का पुत्र हर्षवर्धन कुमार है. दोनों की शादी के गवाह गांव के अलावा अगल-बगल के क्षेत्र के लोग भी बने. 

शुरुआत में घरवाले नहीं मान रहे थे

हर्षवर्धन कुमार ने बताया कि मैं  ताइवान में पोस्ट डाक्टोरल साइंटिस्ट के रुप में कार्य कर रहा था. वहीं पर सोइल्लीना ग्लोबल फाइनेंस में एमएस कर रही थी. हम दोनों की मुलाकातें हुईं और हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं. प्यार हुआ और हमने शादी करने का फैसला किया. हम दोनों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी. शुरुआत में घरवालों नहीं मान रहे थे. फिर भी हमने शादी कर ली. जब घर वाले राजी हुए तब हमने इंडिया आने का फैसला किया.