बस कुछ दिनों की बात है... जल्द खत्म होगी यूक्रेन-रूस की लड़ाई! अजीत डोभाल के मॉस्को दौरे के मायने?
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा के लिए मास्को की यात्रा कर सकते हैं. इस दौरे को रूस-यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई को मध्यस्थता के नजरिए से देखा जा रहा है. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि अजित डोभाल कब रूस का दौरा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के शांतिपूर्ण समाधान की पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कई ऐसे मौके पर दोहराया कि भारत इसके लिए जरूरी सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है. इस बीच खबर आ रही है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर चर्चा के लिए मास्को की यात्रा कर सकते हैं.
खबरों के मुताबिक देश इस यात्रा के माध्यम से रूस-यूक्रेन के बीच ढाई साल से चली आ रही लड़ाई की मध्यस्थ के रूप में अपनी भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है.
दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से भी टेलीफोन पर बातचीत की. सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने चर्चा की. जहां भारत यूक्रेन में स्थायी शांति लाने के लिए विचारों पर चर्चा करने के लिए विचारों पर चर्चा करने के लिए अपने एनएसए को मॉस्को भेजेगा. बहरहाल अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि अजित डोभाल कब रूस का दौरा करेंगे.
मास्को की यात्रा कर सकते हैं अजीत डोभाल
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में सुझाव दिया है कि वह शांति के खिलाफ नहीं हैं और 24 सितंबर 2022 को शुरू हुए संघर्ष को समाप्त करने के लिए ब्राजील, चीन और भारत को संभावित मध्यस्थ के रूप में देखते हैं. यह दृष्टिकोण इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी द्वारा दोहराया गया था उन्होंने भी भारत को एक संभावित मध्यस्थ के रूप में समर्थन दिया था , जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है.
यूक्रेन में शांति प्रयासों पर चर्चा
बता दें कि रूस और यूक्रेन की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और यूक्रेन में शांति प्रयासों पर चर्चा की.
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