Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना को भारत में असमानता उजागर करने का अहम जरिया बताया है. उन्होंने दावा किया कि देश की शिक्षा प्रणाली दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के लिए निष्पक्ष नहीं है. साथ ही भाजपा ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे वंशवादी मानसिकता करार दिया.
बता दें कि गुरुवार को यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट के साथ चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, ''योग्यता की एक पूरी तरह से दोषपूर्ण अवधारणा है, जहां सामाजिक स्थिति को क्षमता के साथ भ्रमित किया जाता है. अगर कोई यह कहता है कि हमारी शिक्षा प्रणाली या हमारी नौकरशाही प्रवेश प्रणाली दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के लिए निष्पक्ष है, तो यह पूरी तरह से भ्रांति है.'' उन्होंने आगे कहा कि जाति जनगणना से असमानता की सच्चाई उजागर होगी और कांग्रेस बाबासाहेब अंबेडकर के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए लड़ेगी.
भाजपा का पलटवार – 'वंशवादी मानसिकता की सोच'
बता दें कि भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, ''राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस की भाई-भतीजावादी और सामंती मानसिकता को दर्शाता है. कांग्रेस ने हमेशा मेहनत से आगे बढ़ने वाले दलित, ओबीसी और एसटी नेताओं का अपमान किया है.'' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस योग्यता को कुचलने और समाज में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देने का काम कर रही है.
जाति जनगणना पर भी भिड़ी कांग्रेस-भाजपा
इसके अलावा, राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जाति जनगणना से असमानता की सच्चाई सामने आएगी, लेकिन इसके विरोधी नहीं चाहते कि यह हकीकत उजागर हो. उन्होंने आगे कहा, ''बाबासाहेब का सपना अधूरा है. यह सिर्फ अतीत की लड़ाई नहीं, बल्कि आज की भी लड़ाई है. हम इसे पूरी ताकत से लड़ेंगे.''