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रेल मंत्री का डबल गिफ्ट! पटरी पर आने वाली है 'वंदे भारत स्लीपर', बताया कब से वेटिंग टिकट को कहेंगे बाय-बाय

Indian Railway News: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद गठित मंत्रिमंडल में एक बार फिर से अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. कुर्सी संभालते ही उन्होंने रेलवे की तरक्की का प्लान सामने रख दिया है. उन्होंने भारतीय रेल की सबसे अधिक प्रतिक्षारत ट्रेन वंदे भारत स्लीपर के चलने के तारीख के साथ ही रेलवे में वेटिंग की समस्या को लेकर अपना प्लान बताया है.

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Edited By: India Daily Live
Ashwini Vaishnav
Courtesy: india daily live

Indian Railway News: भारत की लाइफ लाइन यानी भारतीय रेल को नई उड़ान मिलने जा रहा है. नई सरकार में एक बार फिर अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने कुर्सी संभालते ही रेल के विकास के लिए प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है. अब खबर 'वंदे भारत स्लीपर' के लिए यात्रियों के शिद्दत वाला इंतजार खत्म होने वाला है. इसके साथ ही रेल यात्रियों को वेटिंग टिकट की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. इसके लिए रेल मंत्री ने तो तारीख भी दे दी है.

रेल मंत्री के अनुसार, इस गर्मी में रोज 4 करोड़ अतिरिक्त यात्री सफर कर रहे हैं. उनके लिए भारतीय रेल ने स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं. इसके साथ ही गाड़ियों की देरी की समस्या हल करने की कोशिश की जा रही है. शुक्रवार को इस संबंध में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी. हम कोशिश कर रहे हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा न हो और उन्हें जल्द से जल्द वेटिंग टिकट की समस्या से आजादी मिल जाए.

पटरी पर आने वाली है 'वंदे भारत स्लीपर'

मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि हम वेटिंग की समस्या से निपटने के लिए कोशिश कर रहे हैं. अगले 60 दिनों में ‘वंदे भारत स्लीपर’ को दौड़ाने की योजना है. ‘वंदे भारत स्लीपर’ पटरियों पर दौड़ने के लिए रेडी है. फिलहाल दो सेट तैयार कर लिए गए हैं. अब इनकी अगले 6 महीने तक टेस्टिंग होगी. उसके इनको आम सेवा में लॉन्च कर दिया जाएगा. अभी इन्हें 4 कोच के बेसिक सेट के साथ चलाया जाएगा. ये काम अगले 60 दिनों में शुरू करना है.

वेटिंग का समस्या से आजादी

रेल मंत्री ने कहा कि वेटिंग टिकट की समस्याओं से निपटने की कोशिश जारी है. इस साल दस गुना अधिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं. 2024 में 14 किलोमीटर पटरी प्रतिदिन बिछाई जा रही है. भारत में रोज 22 हजार ट्रेनें चल रही है. जिस रफ्तार से अभी ट्रेनों की संख्या बढ़ रही है इस हिसाब से 2032 कर हम वेटिंग से आजादी पा सकते हैं. हालांकि, हमारी कोशिश है कि नेटवर्क के विकास के साथ ट्रेनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाए जिससे वेटिंग से आजादी मिल सके.

भारत की लाइफ लाइन

बता दें भारतीय रेल देश की लाइफ लाइन है. यात्रा और व्यापार के लिए सबसे अधिक इसी का उपयोग होता है. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क बनाती है. इसके विकास से सीधे तौर पर देश का विकास जुड़ा है. इसके साथ ही ये गरीब मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बजट को कम करने का भी काम करती है. आज हमारे रेलवे के पास हर तबके के हिसाब से गाड़ियां हैं.