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Aditya L1 Mission: चांद के बाद अब सूरज को नमस्कार, हिंदुस्तान ने कर दिया चमत्कार

Live Aditya L1 Mission: भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया.

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Edited By: Vineet Kumar
Aditya L1 Mission: चांद के बाद अब सूरज को नमस्कार, हिंदुस्तान ने कर दिया चमत्कार

नई दिल्ली. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो एक एक और नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है. इस मिशन का उद्देश्य सूर्य की गतिविधियों का अध्ययन करना है. पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करके आदित्य एल1को लैग्रेंजियन बिंदु 1 पर स्थापित होगा. सूरज और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है. नासा ने अनुसार सूर्य 4.5 अरब साल पुराना है. 

आसमान को चीर सूरज की ओर बढ़ा ‘भारत का आदित्य’
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है. इसरो ने आज 11 बजकर 50 मिनट पर भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल 1 को लॉन्च करके इतिहास रच दिया है. आदित्य एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग से देश की जनता गौरवान्वित महसूस कर रही है.

‘बहुत कम देशों ने सूर्य मिशन भेजा है’
आदित्य-एल1 सोलर मिशन पर उस्मानिया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रुक्मिणी जागीरदार ने कह- “इससे पता चलेगा कि इसरो कितनी दूर तक जा सकता है और अपनी क्षमता साबित कर सकता है... यह पहली बार है जब भारत कोई सैटेलाइट भेजने जा रहा है अंतरिक्ष में सूर्य की निगरानी करने के लिए। अमेरिका, यूरोप, जापान के कई उपग्रहों के बाद, बहुत कम देशों ने सूर्य मिशन भेजा है. भारत एक मील का पत्थर बनाने जा रहा है. अभी सूर्य का अवलोकन करने वाले उपग्रहों का जीवनकाल समाप्त होने वाला है. इसरो अगले स्तर का डेटा उपलब्ध कराने जा रहा है जिसकी दुनिया उम्मीद कर रही है...”

लॉन्चिंग देखने के लिए पहुंचे लोग
इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.

लॉन्च के लिए पूरी तरह से तैयार आदित्य एल1
भारत का पहला सूर्य मिशन Aditya L1, सुबह 11:50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

क्या बोले इसरो के पूर्व चेयरमैन माधवन नायर
आदित्य एल1 को लेकर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कहा- "यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है. आदित्य एल-1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा, जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगभग रद्द हो जाता है और न्यूनतम ईंधन के साथ, हम वहां अंतरिक्ष यान बनाए रख सकते हैं. इसके अलावा, 24/7 अवलोकन संभव है. इसमें सात उपकरण लगाए गए हैं. इस मिशन के डाटा से वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं, जलवायु परिवर्तन अध्ययन आदि को समझाने में मदद मिलेगी..."

शुरू हुई उल्टी गिनती
इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल1 को लॉन्च करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. कुछ ही मिनटों में यह आसमान को चीरता हुआ सूरज की ओर निकल जाएगा. 

लॉन्चिंग देखने पहुंचे बच्चे
आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग देखने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में स्कूल के बच्चे भी पहुंचे हैं. लॉन्चिंग का लाइव अपडेट आप इसरो की वेबसाइट पर भी देख सकते हैं. 

'ये नई पीढ़ी का मिशन' 


जिस बिंदु पर आदित्य एल-1 को स्थापित किया जाएगा वहां पांच साल पहले कोई मिशन गया था. ये नई पीढ़ी का मिशन है. इसरो के आदित्य एल1 लॉन्च पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के सेवानिवृत्त प्रोफेसर मयंक एन वाहिया ने कहा- ''यह मिशन ऑप्टिकल, यूवी और एक्स-रे में एक साथ सूर्य का निरीक्षण करेगा."