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India Daily

Pahalgam Terror Attack: भारत सरकार ने बीबीसी को सुनाई खरी-खोटी, पहलगाम हमले की रिपोर्टिंग पर जताई नाराजगी

BBC Controversy: पाकिस्तान ने कश्मीर में हुए घातक हमले के बाद भारतीय नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया. बीबीसी ने इस आतंकवादी घटना को 'उग्रवादी हमला' करार दिया, जिसके चलते नरेंद्र मोदी सरकार को बीबीसी के भारत प्रमुख को पत्र लिखना पड़ा.

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Edited By: Ritu Sharma
PM Modi angry on BBC
Courtesy: Social Media

Pahalgam Terror Attack: भारत सरकार ने सोमवार को बीबीसी की उस रिपोर्टिंग पर सख्त ऐतराज जताया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के कवरेज को लेकर गलत शब्दावली का इस्तेमाल किया गया था. बीबीसी ने अपने रिपोर्ट में इस आतंकी हमले को 'आतंकवादी हमला' मानते हुए खबर प्रकाशित की थी, लेकिन कुछ प्रस्तुतियों में हमले के संदर्भ को लेकर नरम भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिससे केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया.

बीबीसी के भारत प्रमुख को भेजा गया आधिकारिक पत्र

बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय के बाह्य प्रचार एवं लोक कूटनीति प्रभाग ने बीबीसी इंडिया की प्रमुख जैकी मार्टिन को औपचारिक पत्र लिखकर भारत की 'गहरी नाराजगी' से अवगत कराया. सरकार ने स्पष्ट किया कि भविष्य में बीबीसी की रिपोर्टिंग पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह की भ्रामक रिपोर्टिंग को रोका जा सके. सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि ''आतंकी हमले पर रिपोर्टिंग के तरीके पर भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.''

अमेरिका में भी मीडिया की रिपोर्टिंग पर आलोचना

इसमें दिलचस्प बात ये है कि ऐसा ही कुछ हाल ही में अमेरिका में भी देखने को मिला. अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स को फटकार लगाई, क्योंकि उसने पहलगाम हमलावरों को 'उग्रवादी' कहकर संबोधित किया था. अमेरिकी समिति ने सार्वजनिक रूप से पोस्ट करते हुए "उग्रवादी" शब्द को काटकर उसकी जगह लाल रंग में 'आतंकवादी' लिख दिया.

Pahalgam Terror Attack
Pahalgam Terror Attack Social Media

शब्दों के गलत चयन पर गुस्सा

बताते चले कि भारत सरकार का मानना है कि आतंकवादी गतिविधियों को 'उग्रवाद' या 'गनमैन' जैसे शब्दों से संबोधित करना हमले की गंभीरता को कमतर दिखाने जैसा है, जो न सिर्फ पीड़ितों के साथ अन्याय है बल्कि ग्लोबल आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयासों को भी कमजोर करता है. सरकार ने बीबीसी को यह भी याद दिलाया कि पत्रकारिता की रिलायबिलिटी तब ही बनी रह सकती है जब तथ्यों को सही संदर्भ और सटीक भाषा में पेश किया जाए.