गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ इंडियन आर्मी कर रही है खास ट्रेनिंग, जानें पूरी डिटेल्स
यह अनूठा कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास में भारतीय सेना के योगदान को पीएम गति शक्ति के व्यापक उद्देश्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है. जो सशस्त्र बलों को राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय हितधारकों के रूप में स्थान देता है.

भारतीय सेना ने गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी), वडोदरा के साथ मिलकर 21 से 25 अप्रैल 2025 तक पांच दिवसीय कार्यकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. जो भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए पीएम गति शक्ति - राष्ट्रीय मास्टर प्लान और राष्ट्रीय रसद नीति पर केंद्रित है. यह 9 सितंबर, 2024 को भारतीय सेना और जीएसवी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत सहयोगी पहलों की एक श्रृंखला की शुरुआत है.
प्रशिक्षण का उद्घाटन भारतीय सेना के अतिरिक्त महानिदेशक, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स मेजर जनरल मोहित त्रिवेदी और जीएसवी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) मनोज चौधरी के संबोधन से हुआ. दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने भारत के विकास और राष्ट्रीय तैयारियों का समर्थन करने के लिए रक्षा रसद के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचा नियोजन उपकरणों को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला.
कौन-कौन हुआ शामिल?
उद्घाटन कार्यक्रम में 20 वरिष्ठ और मध्यम स्तर के भारतीय सेना अधिकारी शामिल हुए, जो रसद और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं. सेना के रसद में दक्षता और तकनीकी एकीकरण को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय मास्टर प्लान में निहित जीआईएस-आधारित उपकरणों के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्रदान करता है. यह पहल सशस्त्र बलों को उन्नत नियोजन और परिचालन क्षमताओं से लैस करके भारत सरकार के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
कार्यक्रम के बारे में
यह अनूठा कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास में भारतीय सेना के योगदान को पीएम गति शक्ति के व्यापक उद्देश्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है. जो सशस्त्र बलों को राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय हितधारकों के रूप में स्थान देता है.