Indian Army: उत्तराखंड से चीन की लगने वाली LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कड़ी चौकसी के लिए इंडियन आर्मी खास प्लान तैयार कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन आर्मी एलएसी पर ऑपरेशन के लिए नई कोर का गठन करेगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी अपने उत्तर भारत वाले हेडक्वार्टर को इस तरह से तैयार कर रही है, जो अपने वर्तमान जिम्मेदारियों के साथ एलएसी पर होने वाली गतिविधियों से भी निपट सके.
दरअसल, फिलहाल जो टीम काम कर रही है, उसके पास सभी तरह के हथियार के साथ-साथ जरूरी सामानों का पर्याप्त भंडार होता है. इसे तीन डिवीजनों की देखभाल के लिए तैनात किया गया है. हर डिवीजन में 15 हजार से 18 हजार सैनिक शामिल होते हैं, लेकिन मौजूदा आवश्यकताओं के अनुसार इसे कम या ज्यादा किया जा सकता है.
इससे पहले, उत्तर भारत हेडक्वार्टर वाले इलाके के प्रमुख सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त करने के लिए केवल एक ब्रिगेड और उसके अधीन कुछ स्काउट बटालियन शामिल होती थीं. लेकिन पिछले कुछ समय से LAC के साथ लगने वाले कुछ विवादित प्वाइंट्स पर भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आए हैं. इसे देखते हुए नई गठित कोर टीम को धीरे-धीरे एडवांस किया जाएगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल, उत्तराखंड में तीन स्वतंत्र ब्रिगेड और एक पैदल सेना डिवीजन बीआरडी को रखकर सेना की क्षमता में बढ़ोतरी की गई है, जिसे कॉम्बैटाइज्ड यूबी एरिया के रूप में जाना जाता है.
एक हेडक्वार्टर में सामान्य तौर पर तोपखाना ब्रिगेड, इंजीनियरिंग ब्रिगेड और रसद समेत अन्य ब्रिगेड होते हैं. लेकिन जिस नए कोर का गठन किया जाएगा, उसमें अन्य हथियारों और इंजीनियर्स और एविएशन से संबंधित लोग और उपकरण की मौजूदगी होगी. अधिकारियों के अनुसार, वास्तविक नियंत्रण क्षेत्र में सैन्य घनत्व में बढ़ोतरी और अतिरिक्त आवश्यकताओं के कारण भी नए कोर की जरूरत महसूस की जा रही थी. इसके लिए करीब एक साल पहले से प्लानिंग की जा रही है.
अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान कोर में बदलाव के बाद अलग-अलग मोर्चों पर ध्यान केंद्रीत किया जाएगा. इसके साथ ही कोर पुराने कामों जैसे कहा कि स्थिर गठन को परिचालन कोर में बदलने से संगठन का ध्यान बदल जाएगा, जो अब विभिन्न परिचालन कार्यों को पूरा करने पर होगा. एक अधिकारी ने कहा कि नए कोर के गठन के बाद सैनिकों के मानसिक प्रक्रिया में भी बदलाव आएगा और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ध्यान रखने के लिए जरूरी है. मौजूद हेडक्वार्टर को इसलिए अपग्रेड किया गया, क्योंकि नया हेडक्वार्टर बनाने के लिए अधिक मेहनत और बजट की जरूरत होती, इसलिए पुराने हेडक्वार्टर को ही कोर मुख्यालय में बदलने का निर्णय लिया गया है.