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14 दिन पहले हुई थी सगाई, नए घर में दुल्हन आने से पहले ही बुझ गया चिराग, IED विस्फोट में शहीद हुए लाल मुकेश

सेना में नायक मुकेश सिंह मन्हास 28 जनवरी को अपनी सगाई होने और नए घर को बनवाने के बाद अपनी यूनिट में वापस गए थे. घर से वापसी के महज 14 दिन बाद मन्हास के एक आईईडी विस्फोट में वीर गति को प्राप्त होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.

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IED Blast: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रहने वाले सेना के नायक मुकेश सिंह मन्हास देश की रक्षा करते हुए आईईडी विस्फोट में वीरगति को प्राप्त हुए. 28 जनवरी को सगाई करने के बाद वे अपनी यूनिट में लौटे थे. मात्र 14 दिन बाद उनकी शहादत की खबर से परिवार और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

सगाई के बाद शादी की थी तैयारियां

शहीद मुकेश सिंह मन्हास की शादी दो महीने बाद होनी थी. परिवार ने शादी की तैयारियां शुरू कर दी थीं और घर में खुशी का माहौल था. उनके परिजन बताते हैं कि वह अपने नए घर को भी बनवा रहे थे और जल्द ही गृह प्रवेश करने वाले थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.

देश सेवा का जुनून और कर्तव्यनिष्ठा

नायक मुकेश सिंह मन्हास हमेशा से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे. उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के किस्से साथी जवानों और गांववालों की जुबान पर हैं. उनकी शहादत से परिवार का भविष्य अंधकार में चला गया है, लेकिन पूरे देश को उन पर गर्व है. मुकेश की शहादत से एक बार फिर यह सिद्ध हो गया कि भारतीय सेना अपने जवानों से हर तरह की मुश्किलों का सामना करवा कर उन्हें अपने देश की सुरक्षा के लिए प्रेरित करती है. उनकी शहादत ने यह भी दिखाया कि कैसे हमारे सैनिक हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए व्यक्तिगत खुशियों को पीछे छोड़ देते हैं. मुकेश की वीरता और बलिदान को लोग हमेशा याद करेंगे, और उनका नाम इतिहास में अमर रहेगा.

गांव में मातम, सम्मान के साथ अंतिम विदाई की तैयारी

उनकी शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया. लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जमा हो गई. परिवारजन, रिश्तेदार और ग्रामीण इस दुखद घड़ी में उनके बलिदान को याद कर रहे हैं. प्रशासन ने उन्हें सम्मानजनक अंतिम विदाई देने की तैयारी की है। सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं.

शहीद मुकेश सिंह मन्हास की शहादत देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका परिवार भले ही आज दुख में डूबा हो, लेकिन उनकी वीरता और बलिदान हमेशा याद रखे जाएंगे.