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Jaguar Crash: फाइटर जगुआर हादसे में एक पायलट की मौत एक जख्मी, 4 महीने में हुए ऐसे 4 हादसे

जामनगर एयरफील्ड से उड़ान भर रहा IAF जगुआर दो-सीटर विमान रात्रि मिशन के समय क्रैश हो गया. पायलटों को तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा. एयरफील्ड और स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. एक पायलट की चोटों के कारण मृत्यु. दूसरे का जामनगर के एक अस्पताल में इलाज जारी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं. जामनगर शहर से 12 किलोमीटर दूर सुवरदा गांव में विमान गिरा.

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Jaguar Crash: गुजरात के जामनगर में भारतीय वायु सेना (IAF) का जगुआर लड़ाकू विमान 2 मार्च 2025 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस दुर्घटना में एक पायलट की मौत हो गई. खबरों की खबर तो एक पायलट का अस्पताल में इलाज जारी है. भारतीय वेट्रेस ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है. टेक्निकल बिजनेस की वजह से हुआ ये हादसा. हादसे की तस्वीरें भी सामने आई हैं. हवाई जहाज़ बनाने के बाद आग लग गई थी। हालाँकि पायलट के अलावा और कोई इसकी पहाड़ी पर नहीं आया है.

इस दुर्घटना के बाद पुलिस कैप्टन प्रेमसुख डेलू ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया है, जबकि दूसरे पायलट की तलाश जारी है। लेकिन अब सेना की तरफ से इस हमले की पुष्टि हो गई है कि एक की मौत हो गई है.

एक पायलट की मौत

भारतीय एयरलाइंस ने ट्वीट किया, 'जामनगर एयरफील्ड की उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण IAF जगुआर का दो सीटर विमान रात्रि मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.' पायलटों को तकनीकी कहानियों का सामना करना पड़ा और उन्होंने हवाई जहाजों को बाहर ले जाना शुरू कर दिया, जिससे एयरफील्ड और स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ. दुर्भाग्य से, एक पायलट की पत्नी की मृत्यु हो गई, जबकि दूसरे का जामनगर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. भारतीय शास्त्र को जनमल के नुकसान पर गहरा अफसोस है और वह शोकाकुल परिवार के साथ मिलकर तैयार हुई है. 'हादसे का खुलासा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश के लिए दिया गया है.'

आख़िर कब हुआ हादसा?

जामनगर शहर से 12 किमी दूर सुवरदा गांव में ऐसा वीडियो कैद किया गया कि जैसे कोई खेत जल रहा हो, जेट विमान का कॉकपिट और उसका वर्षा भाग - जो अलग-अलग जगह पर रखा गया था - वह भी जल रहा हो.

भारतीय अध्ययन के अधिकारियों ने बताया कि दो डिपो वाला जगुआर नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर थे.

जगुआर एक दो इंजन वाला लड़ाकू बमवर्षक विमान है, जिसमें एक और दो इंजन वाले संस्करण शामिल हैं, जिसे आरक्षित भारतीय रिजर्व में बहुत व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. इसे पहली बार 70 के दशक के अंत में शामिल किया गया था, पिछले कुछ वर्षों में इसे और अधिक उन्नत किया गया है.

एक महीने में दूसरा जगुआर हादसा

ये कोई पहला हादसा नहीं है इससे पहले भी भारतीय विमान हादसे का शिकार हो चुका है. साल की शुरुआत से ही वायु सेना में शामिल हो रहे हैं. चार महीने में ऐसे चार हादसे हो गए. पहला हादसा 6 फरवरी को हुआ जब मिराज 2000 हादसा का शिकार हुआ था. 7 मार्च को एक ही दिन में स्टेस्ट के एक जगुआर फाइटर जेट में धमाका हो गया. उसके बाद छोटा मालवाक विमान एन-32 बागडोगरा एयर बेस में ही यह दुर्घटन का शिकार हुआ.