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अमेरिका से प्रिडेटर ड्रोन लेगा भारत, पाकिस्तान और चीन की चालाकी पर निगरानी, बड़े-बड़े आतंकियों का किया खात्मा

मोदी सरकार जनरल एटॉमिक्स से हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और लेजर गाइडेड बमों से लैस 31 एमक्यू 9बी ड्रोन खरीद रही है. यह एक एडवांस ड्रोन है जिसका जासूसी, सर्विलांस, इन्फॉर्मेशन कलेक्शन के अलावा एयर सपोर्ट बंद करने, राहत-बचाव अभियान और हमला करने के लिए  हो सकता है.

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Edited By: India Daily Live
predator drone
Courtesy: Social Media

भारत जल्द ही अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन लेने वाला है. डील फाइनल हो चुकी है और इसपर अगले महीने हस्ताक्षर किए जाएंगे. हालांकि मंत्रालय इसपर चुप है, लेकिन पता चला है कि लागत वार्ता समिति (सीएनसी) ने अमेरिकी आधारित जनरल एटॉमिक्स से लगभग 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अधिग्रहण के लिए अंतिम कीमत तय कर ली है. पिछली साल 21 से 24 जून के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर गए थे. उस दौरान अमेरिका ने 31 HALE ड्रोन का प्रस्ताव दिया था. 

यह एक एडवांस ड्रोन है, जिसका चीन के साथ लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल और भारतीय समुद्री सीमा में सर्विलांस के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. यह ड्रोन करीब 35 घंटे हवा में रह सकता है. यह फुली रिमोट कंट्रोल है. 

प्रिडेटर ड्रोन की खासियत

  • भारत और अमेरिका के बीच यह डील 3.99 अरब डॉलर की है. डील के सर्टिफिकेशन के लिए संसद को नोटिफिकेशन भेजा गया था.
  • ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पर निरगरानी के लिए किया जाएगा. इसमें 15 ड्रोन नेवी और 8-8 ड्रोन आर्मी और एयरफोर्स को दिया जाएगा. 
  • MQ-9B ड्रोन MQ-9 'रीपर' का दूसरा वर्जन है. पिछले साल इसका इस्तेमाल काबुल में हेलफायर मिसाइल के एक मॉडिफाइड वर्जन को दागने के लिए किया गया था. 
  • इसके हमले से अल-कायदा का नेता अयमान अल-जवाहिरी मारा गया था. अमेरिका ने लादेन को खोजने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया था. 
  • यह ड्रोन 35 घंटे तक हवा में उड़ सकता है. यह फुली रिमोट कंट्रोल है. एक बार में ये 482 किलोमीटर उड़ सकता है. 
  • इस ड्रोन का इस्तेमाल जासूसी, सर्विलांस, इन्फॉर्मेशन कलेक्शन के अलावा एयर सपोर्ट बंद करने, राहत-बचाव अभियान और हमला करने के लिए  हो सकता है.
  • भारत इसका प्रयोग चीन से लगे सीमा पर और साउथ चाइना सी में चीन की घुसपैठ को रोकने के लिए कर सकता है. 
  • फ्रांस, बेल्जियम, डोमिनिकन गणराज्य, भारत, जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, यूके, यूएई, ताइवान, जपान, मोरक्को जैसे दुनिया के 13 से ज्यादा देश इसका इस्तेमाल करते हैं.
  • अमेरिका ने इस ड्रोन को इराक, सोमालिया, यमन, लीबिया और सीरिया में भी तैनात किए हैं.