menu-icon
India Daily

मुइज्जू का 'India Out' फेल! सैनिकों को वापस नहीं बुलाएगा भारत, निकाला ये रास्ता

भारत-मालदीव के कोर समूह की दूसरी उच्च स्तरीय बैठक दिल्ली में हुई. जिसमें जिसमें मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाये जाने पर चर्चा हुई.

auth-image
Edited By: Avinash Kumar Singh
 Maldives

नई दिल्ली: मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों में अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा. प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा. मालदीव के विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी भारत-मालदीव कोर की दिल्ली में एक बैठक के कुछ घंटों बाद आई. जिसमें मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाये जाने पर चर्चा हुई.

भारत मालदीव में 3 विमानन प्लेटफार्मों में सैन्यकर्मियों को बदलेगा 

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों पक्ष मालदीव में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखने के लिए कुछ बातों पर सहमत हुए है. दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि भारत मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को असैनिक समूह के साथ बदल देगा. भारतीय सैनिक मालदीव से वापस आएंगे और उनके बदले भारत वहां सिविलयंस की तैनाती करेगा. इसका मतलब यह है कि भारत अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा और उनके बदले वहां सिविलियन की तैनाती करेगा

पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक द्वीपीय राष्ट्र से अपने सभी सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने को कहा था. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा "दोनों पक्ष मालदीव के लोगों को मानवीय सहायता एवं मेडिकल बचाव सेवाएं मुहैया करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखने के लिए कुछ परस्पर स्वीकार्य समाधान पर सहमत हुए हैं."

मालदीव में 80 भारतीय सैन्यकर्मी 

दिसंबर में दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइजू के बीच एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर ग्रुप स्थापित करने का निर्णय लिया. वर्तमान में लगभग 80 भारतीय सैन्यकर्मी मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं, जिन्होंने सैकड़ों चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों को अंजाम दिया.

नवंबर में मुइजू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ तनाव आ गया था. राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मुइज्जू ने कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे.