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India Daily

India-US relations: पाकिस्तान को लेकर ट्रंप-मोदी के बयान से हिला इस्लामाबाद, नाराज होकर दी ये 'ओछी' प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संयुक्त बयान में पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवादी हमलों के लिए न हो.

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Edited By: Mayank Tiwari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
Courtesy: X@narendramodi

India-US relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त बयान में पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है कि उसके क्षेत्र का उपयोग "सीमा पार आतंकवादी हमलों" को अंजाम देने के लिए न किया जाए, जिससे इस्लामाबाद नाराज है. निराशा व्यक्त करते हुए, पाकिस्तान के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने देश के संदर्भ को "एकतरफा, भ्रामक और कूटनीतिक मानदंडों के विपरीत" बताया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच बैठक के कुछ घंटों बाद अपने वीकली ब्रीफिंग में शफकत अली खान ने कहा कि पाकिस्तान अपने बलिदानों को स्वीकार किए बिना इस तरह की टिप्पणियों को शामिल करने से "हैरान" है.

अमेरिका से भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत

इस सप्ताह के प्रारंभ में, भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की जब राष्ट्रपति ट्रंप ने 26/11 आतंकवादी हमले के आरोपी ताहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला लिया. ट्रंप ने इस फैसले का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी के साथ किया, जिससे यह निर्णय और भी महत्वपूर्ण बन गया है.

ट्रंप ने कहा,"मेरे प्रशासन ने ताहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण की स्वीकृति दी है, जो दुनिया के सबसे खराब अपराधियों में से एक है. हालांक, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को लॉस एंजिल्स के एक हिरासत केंद्र में रखा गया है. बता दें कि, ट्रंप ने पहले ही पाकिस्तान में परियोजनाओं के लिए 845 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धनराशि रद्द कर दी है.

भारत-अमेरिका ने सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान से बातचीत की

भारत और अमेरिका के संयुक्त बयान में, पाकिस्तान से 26/11 मुंबई हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की गई है. जिसमें 165 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इस बयान में आतंकवादी समूहों जैसे अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को प्रमुख खतरा बताया गया है.

वैश्विक आतंकवाद से लड़ने का संकल्प

इस बयान में कहा गया, "आतंकवाद के वैश्विक संकट से लड़ना होगा और विश्व के हर कोने से आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को समाप्त करना होगा. दोनों नेताओं ने मुंबई में 26/11 के हमलों और अफ़गानिस्तान में 2021 के एबे गेट बम विस्फोट जैसे "जघन्य कृत्यों" को रोकने के लिए आतंकवादी खतरों के खिलाफ़ सहयोग को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता जताई. काबुल हवाई अड्डे के एबे गेट पर 2021 के आत्मघाती बम विस्फोट में 13 अमेरिकी सेना के जवान और 170 अफ़गान नागरिक मारे गए थे.

इस दौरान दोनों देशों ने आतंकवादियों तक सामूहिक विनाश के हथियारों की पहुंच को रोकने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया.