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India To Build Ropeway Near LAC: तवांग मठ से अरुणाचल झील तक रोपवे, 522 करोड़ लागत; LAC के पास भारत के इस प्रोजेक्ट के मायने

India To Build Ropeway Near LAC: भारत LAC के पास रोपवे बना रहा है. इस रोपवे का निर्माण 522 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जो तवांग मठ से अरुणाचल झील तक जाएगी. नए रोपवे का मतलब है कि तवांग मठ से झील तक की यात्रा में केवल 5 मिनट लगेंगे.

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Edited By: India Daily Live
India To Build Ropeway Near LAC Tawang Monastery to Arunachal Lake

India To Build Ropeway Near LAC: अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के ठीक बगल में भारत ने एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू कर दिया है. ये प्रोजेक्ट रोपवे से जुड़ा हुआ है, जिसके निर्माण में 522 करोड़ की लागत आने की बात कही जा रही है. 5.2 किलोमीटर लंबी ये रोपवे प्रोजेक्ट तीन साल के अंदर पूरी कर ली जाएगी.

भारत के लिए ये प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. केंद्र ने 15 मार्च को इस संबंध में एक टेंडर निकाला था. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के जरिए वर्ल्ड फेमस तवांग मठ से अरुणाचल के पीटी त्सो झील तक भारत की पहुंच आसान हो जाएगी. 

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ये प्रोजेक्ट

400 साल पुराना तवांग मठ, देश का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मठ है, जो 10 हजार फीट की ऊंचाई पर है. ये तवांग टाउन से लगभग 2 किलोमीटर दूर चीन और भूटान के बॉर्डर के बहुत करीब है. ये मठ, तवांग से सड़क मार्ग से आधे घंटे की ड्राइव पर है, जो LAC के पास बुमला दर्रे तक जाता है.

नए रोपवे का मतलब है कि तवांग मठ से झील तक की यात्रा में केवल 5 मिनट लगेंगे. तवांग मठ से तवांग में ग्यांगॉन्ग अनी गोंपा तक पहले से ही एक रोपवे है. एक सीनियर अधिकारी ने News18 को बताया कि नया रोपवे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और पर्यटकों को अरुणाचल प्रदेश के खूबसूरत इलाकों का पता लगाने में सक्षम बनाएगा.

अरुणाचल में भारत सरकार का विकास अभियान

नरेंद्र मोदी सरकार, अरुणाचल प्रदेश में लगातार विकास कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री ने हाल ही में राज्य का दौरा भी किया था. पीएम ने अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक सेला सुरंग और डोनयी पोलो हवाई अड्डे को राष्ट्र को समर्पित किया था. लगभग 825 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सेला सुरंग परियोजना, अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारिद्वार-तवांग रोड पर सेला दर्रे के पार तवांग तक हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.

प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान अरुणाचल प्रदेश में दिबांग बहुउद्देशीय जलविद्युत परियोजना पर काम शुरू होने का भी उल्लेख किया था, जो भारत का सबसे ऊंचा बांध होगा. इसे 31,875 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाया जा रहा है.

चीन ने पीएम मोदी की हालिया अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर आपत्ति जताई थी, लेकिन भारत ने अपने क्षेत्रीय दावे को फिर से जताने की उसकी नई कोशिश को दृढ़ता से खारिज कर दिया और जोर दिया कि उत्तर-पूर्वी राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था और रहेगा.