आंध्र प्रदेश के कुरनूल में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. देश ने पहली बार 30 किलोवाट की लेजर-आधारित हथियार प्रणाली का उपयोग करके फिक्स्ड-विंग विमान, मिसाइलों और स्वार्म ड्रोनों को मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. इस सफलता के साथ भारत ने अमेरिका, चीन और रूस जैसे चुनिंदा देशों की सूची में अपना नाम शामिल कर लिया है, जो इस तरह की उन्नत तकनीक में महारत रखते हैं.
लेजर हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण
यह परीक्षण कुरनूल के एक सैन्य केंद्र में आयोजित किया गया, जहां भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस हथियार का प्रदर्शन किया. इस प्रणाली की खासियत यह है कि यह उच्च सटीकता के साथ कई तरह के हवाई खतरों को बेअसर कर सकती है. एक डीआरडीओ अधिकारी ने कहा, "यह हमारी रक्षा क्षमताओं में एक क्रांतिकारी कदम है." इस तकनीक से न केवल युद्ध के मैदान में भारत की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह भविष्य के खतरों से निपटने में भी कारगर साबित होगी.
#WATCH | Kurnool, Andhra Pradesh: For the first time, India has showcased its capability to shoot down fixed-wing aircraft, missiles and swarm drones using a 30-kilowatt laser-based weapon system. India has joined list of selected countries, including the US, China, and Russia,… pic.twitter.com/fjGHmqH8N4
— ANI (@ANI) April 13, 2025
वैश्विक मंच पर भारत की धमक
इस उपलब्धि ने भारत को वैश्विक रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह लेजर हथियार प्रणाली न केवल सैन्य रणनीति को बदलेगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी बढ़ाएगी. एक रक्षा विश्लेषक ने बताया, "यह प्रणाली स्वार्म ड्रोनों जैसे आधुनिक खतरों से निपटने में गेम-चेंजर साबित हो सकती है."
भविष्य की संभावनाएं
इस सफलता के बाद भारत अब इस तकनीक को और उन्नत करने की दिशा में काम कर रहा है. डीआरडीओ ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में इस हथियार को और शक्तिशाली बनाया जाएगा. यह कदम भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.