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India Daily

भारत ने अमेरिकी पैनल की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को भारत ने झूठलाया, USCIRF पर एक्शन की मांग

भारत ने साफ शब्दों में कहा कि USCIRF का एजेंडा भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करने का है और इसे नकारात्मक रूप से पेश करना पूरी तरह से राजनीतिक है. भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार किया जाना चाहिए और कोई भी प्रयास जो इसे नकारात्मक रूप से प्रस्तुत करता है, वह सफल नहीं होगा.

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Edited By: Mayank Tiwari
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
Courtesy: X@ANI

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल,अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) को “चिंता का विषय” घोषित करने की बात कही. विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि USCIRF भारत की लोकतांत्रिक स्थिति को कमजोर करने के प्रयास कर रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये बयान USCIRF द्वारा 2024 में भारत में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ोतरी के दावे के बाद आया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने हाल ही में जारी अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की 2025 की सालाना रिपोर्ट देखी है, जिसमें एक बार फिर पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित आकलन जारी करने का अपना पैटर्न जारी रखा गया है.

USCIRF का है एक निर्धारित एजेंडा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, "USCIRF के लगातार प्रयासों से ये साफ होता है कि वह भारत के समृद्ध और बहुसांस्कृतिक समाज को गलत तरीके से पेश करने और उस पर अनावश्यक आरोप लगाने की कोशिश कर रहा है. यह दिखाता है कि इसके पीछे एक निर्धारित एजेंडा है, न कि धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति वास्तविक चिंता.

भारत के लोकतांत्रिक मूल्य पर हमला नहीं होने देंगे

जायसवाल ने आगे कहा,' भारत में 1.4 बिलियन लोग रहते हैं. जो मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के अनुयायी हैं. हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा. "लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को कमज़ोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे. वास्तव में, यह यूएससीआईआरएफ है जिसे चिंता का विषय माना जाना चाहिए.