पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने बुधवार (16 अप्रैल) को कश्मीर और हिंदुओं को लेकर एक बयान दिया. जिसको लेकर भारत और पाकिस्तान दोनों ओर उनकी कड़ी आलोचना हो रही है. दरअसल,भारत ने पाकिस्तान की कश्मीर पर की गई हालिया टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश देश का अभिन्न अंग है. साथ ही भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का हवाला देते हुए उससे 'अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों' को सौंपने का आग्रह किया.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "कोई विदेशी चीज कैसे गले में अटक सकती है? ये भारत सरकार का एक केंद्र शासित प्रदेश है. पाकिस्तान के साथ इसका एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है.
पाकिस्तान के आर्मी चीफ कश्मीर पर ऐसा क्या कहा?
दरअसल, विदेश में पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल आसिम मुनीर ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर पर अपने देश के दीर्घकालिक दावे को दोहराया था, साथ ही उन्होंने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का बचाव किया था, जिसके कारण 1947 में पाकिस्तान का जन्म हुआ था.
पाक सेना चीफ जनरल मुनीर ने कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तानी सेना और सरकार का रुख बिल्कुल साफ है. हम इसे नहीं भूलेंगे. हम भारत के कब्जे के खिलाफ संघर्ष करने वाले अपने कश्मीरी भाइयों को नहीं छोड़ेंगे. इस पर दिल्ली से तीखी आलोचना हुई.
पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने क्या कहा?
पाकिस्तान के सेना चीफ जनरल मुनीर ने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि "हिंदुओं और मुसलमानों के बीच गहरे मतभेद" ही इस्लामी गणराज्य के जन्म का कारण बने. जनरल मुनीर ने बुधवार को कहा, "हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम जीवन के हर संभावित पहलू में हिंदुओं से अलग हैं. हमारा धर्म अलग है। हमारे रीति-रिवाज अलग हैं. हमारी परंपराएं अलग हैं. हमारे विचार अलग हैं. हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं... यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी. यह इस विश्वास पर आधारित था कि हम एक नहीं, बल्कि दो राष्ट्र हैं. जिसके मुताबिक भारतीय उप महाद्वीप के हिंदू और मुसलमान दो अलग 'लोग' हैं. इसको लेकर ही पाकिस्तान की मांग रखी गई थी.