ट्रंप की धमकी का असर, अमेरिका को खुश करने के लिए भारत सरकार ने लिए ये बड़ा फैसला

हाल ही में भारत ने अमेरिकी बार्बन व्हिस्की पर अपने ट्रैरिफ को 150% से घटाकर 100% कर दिया है. यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस धमकी के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने भारत के "असमान" आयात शुल्कों को लेकर आलोचना की थी.

हाल ही में भारत ने अमेरिकी बार्बन व्हिस्की पर अपने ट्रैरिफ को 150% से घटाकर 100% कर दिया है. यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस धमकी के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने भारत के "असमान" आयात शुल्कों को लेकर आलोचना की थी. ट्रंप ने विशेष रूप से अमेरिकी उत्पादों, खासकर अल्कोहल, पर लगाए गए भारत के उच्च शुल्कों पर चिंता व्यक्त की थी.

भारत का ताजातरीन कदम
भारत सरकार द्वारा 13 फरवरी को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन के अनुसार, अब अमेरिकी बार्बन व्हिस्की पर शुल्क 50% बेसिक कस्टम ड्यूटी के साथ 50% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा, जिससे कुल शुल्क 100% हो जाएगा. इससे पहले, इस पर 150% का भारी शुल्क लिया जाता था. हालांकि, इस निर्णय का असर सिर्फ बार्बन व्हिस्की पर पड़ेगा, अन्य शराब उत्पादों पर 150% शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

यह कदम खासतौर पर अमेरिकी बार्बन उत्पादकों को लाभ पहुंचाएगा, जिनमें लोकप्रिय ब्रांड जैसे कि "जिम बीम" शामिल हैं. इस बदलाव को भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.

अमेरिकी व्यापार के लिए राहत
प्रतिक जैन, पीडब्लूसी इंडिया के पार्टनर, ने कहा कि यह कदम भारत की ओर से अपनी रणनीतिक साझेदार देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों में सुधार करने की दिशा में एक संकेत है. खासतौर पर वह इसे मदिरा जैसे क्षेत्रों में व्यापारिक बाधाओं को कम करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं.

वर्तमान में भारत का 35 अरब डॉलर का मदिरा बाजार वैश्विक व्यापारियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन यहां की उच्च आयात शुल्कें वैश्विक कंपनियों के लिए समस्या रही हैं. डियाजियो और पर्नोड रिकार्ड जैसी कंपनियों के नेतृत्व में कई उद्योगों ने भारत की इन शुल्कों को लेकर शिकायतें की हैं, क्योंकि ये शुल्क विदेशी मदिरा के व्यापार को प्रभावित करते हैं.

भारत का रणनीतिक कदम
बीयर निर्माता भारत एसोसिएशन के निदेशक जनरल विनोद गिरी ने कहा कि बार्बन पर ट्रैरिफ में यह कमी एक रणनीतिक कदम है, जिसे अमेरिका के साथ तनाव को कम करने और किसी भी प्रतिशोधात्मक कदम से बचने के लिए उठाया गया है. गिरी ने कहा, "बार्बन पर ट्रैरिफ और मोटरसाइकिल जैसे उत्पादों पर उच्च शुल्क का एक उच्च प्रतीकात्मक महत्व है." उनका कहना था कि यह कदम अमेरिका को यह संदेश देने के लिए है कि भारत व्यापारिक प्रक्रियाओं को निष्पक्ष रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

ट्रंप की धमकी का प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कहा था कि वह ऐसे देशों पर व्यापक शुल्क लगाएंगे, जिनकी नीतियां अमेरिकी व्यापार के लिए अनुचित हैं. उनके द्वारा व्यापार असंतुलन को ठीक करने और अमेरिकी उत्पादों के प्रति "अन्यायपूर्ण" शुल्कों को सुधारने के लिए यह कदम उठाए गए थे. ट्रंप के लिए यह शुल्क न केवल राजस्व बढ़ाने का एक तरीका हैं, बल्कि वे इन शुल्कों को देशों पर दबाव बनाने के एक औजार के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.