menu-icon
India Daily

देश की जनसंख्या का आंकड़ा पहुंचा 1.45 अरब, 60 साल बाद चीन से होगा दोगुना

India Population: भारत की जनसंख्या 1.45 अरब हो गई है और कुछ सालों में चीन की जनसंख्या से दोगुनी हो जाएगी. फिलहाल, भारत की जनसंख्या 1.451 अरब है, जो दो साल पहले के आंकड़ों से 90 लाख अधिक है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2085 में भारत की जनसंख्या चीन की जनसंख्या 806 बिलियन के मुकाबले 1.61 बिलियन हो जाएगी, यानी जनसंख्या के मामले में भारत चीन को कहीं ज्यादा पीछे छोड़ देगा.

auth-image
Edited By: India Daily Live
India population
Courtesy: Social Media

India Population: संयुक्त राष्ट्र की ओर से गुरुवार को जारी अनुमानों के अनुसार, 2100 तक भारत की लगभग 1.5 बिलियन हो जाएगी. उस वक्त तक पड़ोसी चीन की आबादी 633 बिलियन होगी, जो भारत की जनसंख्या के आधी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2085 में ही 1.61 बिलियन पहुंच जाएगी, जो चीन की उस समयकी 806 मिलियन आबादी की दोगुनी होगी. अगले कुछ सालों में यह अंतर और भी बढ़ जाएगा. कुल मिलाकर भारत को इस सदी में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश होने की उम्मीद है

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (UNDSA) जनसंख्या डिविजन की ओर से जारी द्विवार्षिक विश्व जनसंख्या संभावना (WPP) के अनुसार, 2100 में जनसंख्या रैंकिंग में भारत और चीन के बाद पाकिस्तान (511 मिलियन), नाइजीरिया (477 मिलियन), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (431 मिलियन) और अमेरिका (421 मिलियन) का स्थान होगा. अमेरिका की वर्तमान जनसंख्या 345 मिलियन है.

अगले 75 सालों में अपनी आधी से ज्यादा आबादी खो देगा चीन

रिपोर्ट के अनुसार भारत की वर्तमान जनसंख्या 1.451 बिलियन है, जो दो साल पहले मानी गई संख्या से 9 मिलियन अधिक है. हालांकि, 2011 के बाद 10 सालों में होने वाली जनसंख्या नहीं हो पाई है, इसलिए ये आंकड़ा अनुमानों पर आधारित है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 2054 तक लगभग 1.692 बिलियन तक पहुंच जाएगी, जो 2061 में 1.701 बिलियन होगी. दिलचस्प बात यह है कि बूढ़ा होता चीन अगले 75 वर्षों में अपनी आधी से ज़्यादा आबादी खो देगा.

भारतीय आबादी की वर्तमान औसत आयु 28.4 वर्ष है, जबकि चीन की 39.6 वर्ष और अमेरिका की 38.3 वर्ष है. 2100 तक ये संख्याएं 47.8 साल, 60.7 साल और 45.3 साल होगी. WPP अनुमानों से पता चलता है कि भारत की कामकाजी आयु वाली आबादी 2049 तक टॉप पर होगी, यानी भारत की कामकाजी आयु वाली आबादी 1,027 मिलियन होगी. रिपोर्ट कहती है कि लगभग 100 देशों में कामकाजी आयु वर्ग की आबादी (20 से 64 वर्ष के बीच) 2054 तक बढ़ेगी.

WPP के नवीनतम आंकड़ों में अन्य मेन प्वाइंट्स क्या हैं?

WPP ने 2022 के विश्व जनसंख्या के अपने पूर्वानुमान में थोड़ा ऊपर की ओर संशोधन करके इसे 8.1 बिलियन से 8.2 बिलियन कर दिया है. अब विश्व की जनसंख्या 2084 में 10.29 बिलियन के शिखर पर पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2022 की रिपोर्ट में 2086 में 10.43 बिलियन का अनुमान दिया गया था. 2100 में अपेक्षित वैश्विक जनसंख्या में भी इसी तरह की कमी होगी, जो 10.3 बिलियन के बजाय 10.2 बिलियन होगी. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या अनुमानों में संशोधन एक नियमित मामला है. दुनिया से डेटा उपलब्ध होने पर उन्हें अपडेट करना पड़ता है और बैक टू बैक रिपोर्टों में आम तौर पर बड़े बदलाव नहीं होते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व की जनसंख्या के अनुमानित आंकड़ों में बढ़ोतरी के कई कारण हैं. इसमें दुनिया के कुछ सबसे बड़े देशों, विशेष रूप से चीन में हाल के वर्षों में प्रजनन दर का अपेक्षा से कम होना शामिल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 के दशक के अंत तक, पहले से ही चरम पर पहुंच चुकी आबादी वाले देशों की आधी महिलाएं प्राकृतिक तरीकों से बच्चे पैदा करने के लिए बहुत बूढ़ी हो जाएंगी. 

डब्ल्यूपीपी रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत उम्र लगभग सभी देशों में कोरोना से पहले के स्तर पर लौट आई है. जन्म के समय वैश्विक औसत उम्र 2019 में 72.6 से घटकर 2020 और 2021 में 70.9 वर्ष हो गई थी, लेकिन 2024 में सुधर कर 73.3 वर्ष हो गई है. ये संख्या 2054 तक बढ़कर 77.4 हो जाने का अनुमान है. 

रिपोर्ट के अनुसार, 1950 के बाद से पहली बार 2023 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 5 मिलियन से नीचे आ गई है. 5 साल से कम उम्र के बच्चों की लगभग सभी मौतें (कुल का 95%) 126 देशों में होती हैं, जिनकी आबादी अभी भी बढ़ रही है, जिसमें कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान शामिल हैं.