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भारत का 'मिशन मौसम', बारिश शुरू या बंद करने में होंगे सक्षम!

भारतीय मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगले पांच सालों में उनके पास इतनी विशेषज्ञता होगी कि वे न केवल बारिश को बढ़ा सकेंगे बल्कि कुछ इलाकों में ओलों और बिजली गिरने के साथ-साथ बारिश को भी रोक सकेंगे.

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Edited By: India Daily Live
Rain Weather
Courtesy: Social Medai

भारतीय मौसम वैज्ञानिकों ने नई तकनीक विकसित की है, जिसके इस्तेमाल से बारिश और ओलाबृष्टि की घटनाओं को कम और बढ़ाया जा सकेगा. यह तकनीक अगले पांच साल में काम करने लगेगा. इस परियोजना का उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान में सुधार करना और त्वरित अपडेट के लिए चैटजीपीटी जैसा ऐप पेश करना भी है. सरकार ने इस पहल के लिए शुरुआत में 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

भारतीय मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगले पांच सालों में उनके पास इतनी विशेषज्ञता होगी कि वे न केवल बारिश को बढ़ा सकेंगे बल्कि कुछ इलाकों में ओलों और बिजली गिरने के साथ-साथ बारिश को भी रोक सकेंगे. इसका मतलब है कि अगर दिल्ली या कोई दूसरा शहर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान बारिश को रोकना चाहे तो वैज्ञानिक हस्तक्षेप के जरिए ऐसा कर सकेंगे.

18 महीनों में लैब सिमुलेशन टेस्ट

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के सचिव एम रविचंद्रन ने मिशन मौसम के बारे में विस्तार से बताते हुए गुरुवार को कहा कि हम प्रारंभिक प्रयोगात्मक कृत्रिम वर्षा कम और वृद्धि के लिए जाना चाहते हैं. अगले 18 महीनों में लैब सिमुलेशन (क्लाउड चैंबर) किए जाएंगे, लेकिन हम निश्चित रूप से पांच साल के समय के पैमाने पर कृत्रिम मौसम संशोधन के लिए जाएंगे. मिशन मौसम को एक दिन पहले कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.

यह पूछे जाने पर कि क्या 15 अगस्त को बारिश को रोका जा सकता है, रविचंद्रन ने कहा कि हम  मौसम में बदलाव के माध्यम से इस बारे में सोच सकते हैं. मिशन मौसम के तहत, वैज्ञानिक देश में मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों में वृद्धिशील सुधार पर भी काम करेंगे, ताकि लघु और मध्यम अवधि के पूर्वानुमान की सटीकता को 5-10% तक बढ़ाया जा सके.

लिखित और ऑडियो में मिलेगी सटीक जानकारी 

इस मिशन के तहत, जिसका उद्देश्य भारत को जलवायु के प्रति स्मार्ट और मौसम के प्रति तैयार बनाना है, ताकि बादल फटने सहित किसी भी मौसमी घटना का पता न चल सके, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) MoES के अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के साथ मिलकर 'मौसम GPT' भी विकसित और लॉन्च करेगा, जो चैटGPT जैसा एक एप्लीकेशन है जो उपयोगकर्ताओं को अगले पांच वर्षों में लिखित और ऑडियो दोनों रूपों में मौसम से संबंधित त्वरित जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा.

कई देश में हो रहा इस तकनीत का इस्तेमाल

अमेरिका, कनाडा, चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में सीमित तरीके से विमान का उपयोग करके क्लाउड सीडिंग के माध्यम से बारिश को रोकने और बढ़ाने की तकनीकों का इस्तेमाल पहले से ही किया जा रहा है.क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट का उद्देश्य कुछ देशों में फलों के बागों और अनाज के खेतों को नुकसान से बचाने के लिए ओलावृष्टि को कम करना है. क्लाउड सीडिंग और क्लाउड मॉडिफिकेशन एक जटिल प्रक्रिया है. 

2,000 करोड़ रुपये की मंजूरी

सरकार ने मौसम की घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए एक अधिक मजबूत पूर्वानुमान प्रणाली बनाने के लिए मिशन मौसम के लिए दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. बाद में इसके लिए और अधिक धनराशि निर्धारित की जाएगी. मिशन के महत्वपूर्ण तत्वों में अगली पीढ़ी के रडार और उन्नत सेंसर और उच्च प्रदर्शन वाले सुपरकंप्यूटर के साथ उपग्रह प्रणालियों की तैनाती, बेहतर पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास और वास्तविक समय डेटा प्रसार के लिए जीआईएस-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली शामिल है.