India Manch Conclave: उत्तराखंड भाजपा के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने करीब दो साल पहले छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर दिए गए अपने बयान पर प्रतिक्रिया दी है. शिवाजी महाराज पर दिए गए उनके बयान पर काफी बवाल हुआ था. उन्होंने आज यानी शनिवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इंडिया डेली के 'इंडिया मंच कॉन्क्लेव' में कहा कि कुछ कंट्रोवर्सी पैदा की जाती हैं.
कोश्यारी से पूछा गया कि आप कंट्रोवर्सी के आगे चलते हैं या फिर... उन्होंने जवाब में कहा कि देखिए, कभी कंट्रोवर्सी होती है और कंट्रोवर्सी कभी पैदा की जाती है. आप ये तय मानकर चलिए कि कभी किसी ने कोई कॉन्ट्रोवर्सी पैदा ही नहीं की, कंट्रोवर्सी कभी कोई जबरदस्ती पैदा नहीं करता है. कॉन्ट्रोवर्सी पॉलिटिक्स है, जिसमें कभी कोई बयान देता है, अब ये कंट्रोवर्सी है या नहीं इसमें सच्चाई क्या है, ये ढूंढने का काम मीडिया का है.
उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है कि मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर कोई गलत बयान दिया था क्या? मैं अकेला ऐसा राज्यपाल हूं जो 70-75 साल की उम्र में पैदल चलकर हर दुर्ग पर गया. मैं शिवाजी विरोधी हूं? अगर कोई आप पर आरोप लगा रहा है, आरोप लगाकर भाग गया, क्या आप उसे सच मान लेंगे?
दरअसल, नवंबर 2022 में भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हुआ करते थे. उन्होंने उस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आईकॉन बताया था.
उन्होंने कहा था कि जब हम स्कूल में पढ़ते थे, तो हमलोगों से टिचर पूछ लेते थे कि आपका फेवरेट हीरो या आईकॉन कौन है? उस वक्त हम सुभाष चंद्र बोस, पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू, महात्मा गांधी का नाम लेते थे. उन्होंने कहा था कि आपको महाराष्ट्र के कुछ नाम मिल जाएंगे... छत्रपति शिवाजी महाराज तो पुराने जमाने की बात है, मैं नए युग की बात करूं, तो आपको डॉक्टर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक मिल जाएंगे.
भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान पर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था. उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी ने भगत सिंह कोश्यारी पर छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना भाजपा नेता से करने और शिवाजी महाराज को नीचा दिखाने का आरोप लगाया था.